अयोध्या में बकाया बिजली बिलों के लिए शुरू की गई एकमुश्त समाधान (ओटीएस) योजना को उपभोक्ताओं से अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। 1 दिसंबर से शुरू हुई इस योजना में अब तक केवल 500 विद्युत उपभोक्ताओं ने ही पंजीकरण कराया है, जबकि जिले में 1.47 लाख बकायेदार हैं। विद्युत उपभोक्ता ओटीएस योजना में अभिरुचि नहीं दिख रहे हैं। इस बीच, विद्युत विभाग ने 10,000 रुपये से अधिक के बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। पिछले दो दिनों में जिले भर में 800 से अधिक बिजली कनेक्शन काटे गए हैं। ये कनेक्शन उन उपभोक्ताओं के थे जिन्होंने न तो ओटीएस योजना में पंजीकरण कराया और न ही अपने बकाया बिलों का भुगतान किया। योजना के पहले चरण में पंजीकरण कराने वाले उपभोक्ताओं को मूलधन पर 25 प्रतिशत और ब्याज पर 100 प्रतिशत की छूट मिल रही है। इससे बकायेदार उपभोक्ताओं को बड़ी आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है। विभाग के अधिकारी आने वाले दिनों में पंजीकरण संख्या बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि पंजीकरण के साथ ही उपभोक्ता अपना बकाया बिल आसान किस्तों में जमा करने की व्यवस्था भी करा सकते हैं। विद्युत विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अयोध्या जिले में कुल 1.47 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्होंने लंबे समय से बिजली बिल जमा नहीं किए हैं। इन पर 580 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। विभाग अब ओटीएस योजना के माध्यम से अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को इस योजना से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। अधिकारियों ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे ओटीएस योजना का लाभ उठाएं और निर्धारित समय के भीतर पंजीकरण कराकर अपने बकाया बिलों का निपटारा करें। उपखंड अधिकारी मिल्कीपुर, अमित कुमार सिंह ने बताया कि विद्युत कर्मियों द्वारा गांवों में अभियान चलाकर बड़े बकायेदारों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन उपभोक्ताओं ने ओटीएस में पंजीकरण नहीं कराया है और बकाया बिल जमा नहीं कर रहे हैं, उनके कनेक्शन काटे जाएंगे। किसी भी कीमत पर उन्हें बक्सा नहीं जाएगा।
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