अयोध्या में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। नगर निगम के करीब 2200 सफाई कर्मचारी शुक्रवार को देर शाम से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए। कर्मचारियों का कहना है कि नवनियुक्त ठेकेदार ने कार्यस्थलों पर मनमानी बढ़ा दी है। वेतन में कटौती, भुगतान में देरी और अनुचित व्यवहार की शिकायतें रोज सामने आ रही हैं। इसी के विरोध में सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारी नगर निगम परिसर में जमा हुए और जोरदार प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के बैनर तले हुई आम सभा में प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बाघमार, प्रदेश महामंत्री रमाकांत मिश्रा और प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। नेताओं ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाया जाएगा और समाधान के लिए दबाव बनाया जाएगा। सभा के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि ठेकेदार के दबाव और अमानवीय कार्यशैली से काम करना मुश्किल हो गया है। वेतन समय पर न मिल पाने से आर्थिक संकट बढ़ रहा है। धरने के चलते शहर की सफाई व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो गई है। मंगलवार सुबह से ही कई इलाकों में कूड़े का ढेर दिखने लगा है। मुख्य सड़कों, बाजारों और रिहायशी मोहल्लों में गंदगी बढ़ने से लोगों में नाराजगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम को तत्काल हस्तक्षेप कर समाधान निकालना चाहिए, वरना संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है। कर्मचारियों ने साफ कहा है कि जब तक ठेकेदार की मनमानी पर रोक नहीं लगेगी और वेतन व कार्यस्थितियां सुचारू नहीं होंगी, तब तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा। उधर, नगर निगम प्रशासन की ओर से बातचीत की कोशिशें जारी हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है। विजय बाघमारे, कर्मचारी नेता “ठेकेदार की मनमानी असहनीय हो गई है। वेतन कटौती और उत्पीड़न की शिकायतें बढ़ रही हैं। अगर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन और तेज होगा।”
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