अयोध्या में गलत इंजेक्शन का ओवरडोज देकर महिला की जान लेने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाया है। अयोध्या के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. सुशील बालियान ने निर्मला हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर दिया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को अस्पताल की ऑपरेशन थियेटर (ओटी) को सील किया गया। यह कार्रवाई डॉ. वी.पी. त्रिपाठी की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद की गई, जबकि कार्रवाई का नेतृत्व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश चौधरी ने किया। जांच में मिलीं गंभीर खामियां जांच कमेटी को अस्पताल के आईसीयू में डॉक्टरों के हस्ताक्षर नहीं मिले, न ही मौके पर किसी एनेस्थीसिया डॉक्टर की मौजूदगी पाई गई। इसके अलावा, ओवरडोज इंजेक्शन लगाने वाली नर्स ने अब तक अपना बयान दर्ज नहीं कराया है। कमेटी को अस्पताल संचालन में कई अन्य गंभीर खामियां भी सामने आई हैं। पांच गुना हेपरिन ओवरडोज का आरोप हलकारा का पुरवा कनीगंज निवासी सुशील कुमार कौशल ने 16 दिसंबर को सीएमओ से शिकायत की थी, कि 15 दिसंबर को 50 वर्षीय महिला सरोज कौशल को इलाज के दौरान हेपरिन इंजेक्शन की पांच गुना अधिक डोज दिया गया है।इससे उनकी मां की मौत हो गई है। शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से निर्मला और सोना हॉस्पिटल की आईपीडी पर रोक लगा दी थी। साथ ही निर्मला हॉस्पिटल के बेसमेंट में संचालित आईसीयू को पहले ही सील किया जा चुका था। इंजेक्शन लगते ही महिला की हालत अचानक बिगड़ गई और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए थे। जांच रिपोर्ट के बाद लाइसेंस निरस्त मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जांच कमेटी का गठन किया था। रिपोर्ट में चिकित्सकीय मानकों के उल्लंघन और लापरवाही की पुष्टि होने पर सीएमओ ने तत्काल प्रभाव से अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने का आदेश जारी किया। CMO ने दी चेतावनी सीएमओ डॉ. सुशील बालियान ने स्पष्ट कहा कि मरीजों की जिंदगी के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निजी अस्पतालों को नियमों का सख्ती से पालन करने की चेतावनी दी है। वहीं, अस्पताल प्रबंधन और संबंधित डॉक्टर के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी बताई जा रही है।
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