भारतीय किसान यूनियन (भानू) के प्रदेश महासचिव रमेश तिवारी के नेतृत्व में किसानों ने उपजिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान किसान यूनियन के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को शीघ्र लागू करने और प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर किसान आयोग के गठन की प्रमुख मांगें उठाईं। प्रदेश महासचिव रमेश तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले किसानों से स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को देशभर में लागू करने का वादा किया था, लेकिन आज तक यह रिपोर्ट लागू नहीं हो सकी है। इसका सीधा असर किसानों की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि खेती की लागत लगातार बढ़ रही है, जबकि फसलों को उनका उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसान नुकसान झेलने को मजबूर हैं। उन्होंने फसलों के मूल्य निर्धारण को लेकर सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए। रमेश तिवारी ने कहा कि जिस प्रकार उद्योगपति अपने उत्पादों का मूल्य स्वयं तय करते हैं, उसी तरह किसानों को भी अपनी उपज का मूल्य तय करने का अधिकार मिलना चाहिए। किसानों को लागत आधारित और लाभकारी मूल्य मिलना बेहद जरूरी है, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। प्रदेश महासचिव ने कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान और फसल मूल्य निर्धारण को लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर किसान आयोग का गठन किया जाना चाहिए। ऐसा आयोग किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुनेगा और नीतिगत फैसलों में उनकी प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान यूनियन की दो प्रमुख मांगें हैं—स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को अविलंब लागू किया जाए और किसान आयोग का गठन किया जाए। रमेश तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों से किए गए अपने वादों को पूरा करना चाहिए। ज्ञापन सौंपने के दौरान किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखीं और सरकार से शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई की उम्मीद जताई।
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