दक्षिण कोरिया की महारानी हो 10 फीट ऊंची प्रतिमा अयोध्या पहुंच गई है। 24 दिसंबर को सरयूतट स्थित रानेी हो पार्क में प्रतिमा का अनावरण होगा। इसके लिए क्वीन हो मेमोरियल पार्क तैयार हो गया है। इसके साथ ही रानी हो की प्रतिमा अंतरराष्ट्रीय आकर्षण का केंद्र बनेगी और अयोध्या पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। प्रदेश की योगी सरकार के दूरदर्शी विजन के तहत सरयू नदी के किनारे निर्मित क्वीन हो मेमोरियल पार्क में 24 दिसंबर को ऐतिहासिक क्षण साकार होने जा रहा है। इस दिन दक्षिण कोरिया की रानी हो की 10 फीट ऊंची प्रतिमा का विधिवत अनावरण किया जाएगा। करीब 21 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह अंतरराष्ट्रीय स्मारक भारत और दक्षिण कोरिया के सदियों पुराने सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक संबंधों को नई पहचान देने वाला है।अयोध्या और दक्षिण कोरिया के ऐतिहासिक रिश्तों को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के उद्देश्य से इस परियोजना को आकार दिया गया है। सरयू तट पर करीब दो हजार वर्गमीटर क्षेत्र में फैला यह स्मारक अब पूरी तरह तैयार हैं। 24 दिसंबर को होने वाले प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में दक्षिण कोरिया की राज्य महिषी सहित कई शीर्ष प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। रानी हो की प्रतिमा बनेगी आकर्षण का केंद्र
24 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम के दौरान इंडो-कोरियन फेस्ट का भी आयोजन प्रस्तावित है, जिसके माध्यम से दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा। कोरिया सरकार की ओर से भेजी गई रानी हो की 10 फीट ऊंची प्रतिमा को पार्क में स्थापित कर उसी दिन अनावरण किया जाएगा। पार्क परिसर में विकसित कोरियन विलेज में कोरिया और अवध के पारंपरिक व्यंजनों पर आधारित रेस्टोरेंट, आधुनिक किचन एरिया, डुप्लेक्स कॉटेज, गेम ज़ोन, रिसेप्शन और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं भी तैयार की गई हैं। पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं
सरयू नदी के तट पर विकसित इस पार्क में प्रदर्शनी कक्ष के माध्यम से रानी हो की यात्रा और जीवन गाथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है। विशाल सरोवर और उस पर बना आकर्षक सेतु, मेडिटेशन हॉल, किंग और क्वीन पवेलियन, फाउंटेन, ओपन एयर थिएटर, व्यापक लैंडस्केपिंग और पर्याप्त पार्किंग जैसी सुविधाएं पार्क को विशेष बनाती हैं। ग्रेनाइट से निर्मित गोल्डन एग का प्रतीक रानी हो की समुद्री यात्रा को दर्शाता है। 2018 में हुआ था शिलान्यास
नवंबर 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जोंग सुक ने संयुक्त रूप से क्वीन हो मेमोरियल पार्क का शिलान्यास किया था। भारत और दक्षिण कोरिया के सहयोग से विकसित यह परियोजना अब अपने पूर्ण स्वरूप में सामने आ चुकी है। इतिहास से जुड़ेंगी आने वाली पीढ़ियां
पार्क में राजा सूरो का किंग पवेलियन और अयोध्या का प्रतिनिधित्व करता रानी हो का क्वीन पवेलियन दोनों संस्कृतियों के संगम को दर्शाते हैं। राजकुमारी श्रीरत्ना की कोरिया यात्रा की प्रतीक नाव और शिलालेख पर्यटकों को इतिहास से जोड़ने का कार्य करेंगे। पर्यटन को मिलेगा नया विस्तार
राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या पहले ही वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित हो चुकी है। क्वीन हो मेमोरियल पार्क में रानी हो की प्रतिमा के अनावरण के बाद दक्षिण कोरिया से आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। यह अंतरराष्ट्रीय धरोहर हैः डीएम
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुण्डे ने कहा कि क्वीन हो मेमोरियल पार्क अयोध्या के लिए एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय धरोहर है। यह स्मारक भारत और दक्षिण कोरिया के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देगा और अयोध्या की अंतरराष्ट्रीय छवि को और सशक्त बनाएगा।
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