अयोध्या के एक्सपीरियंस मल्टी स्पेशलिटी प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान कथित तौर पर चिकित्सक की लापरवाही से एक नवजात शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ स्थानीय पुलिस और मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी अयोध्या डॉ. सुशील कुमार बनियान ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा ऐसी लापरवाही की गई है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार, खण्डासा गांव निवासी पूजा का इलाज एक्सपीरियंस मल्टी स्पेशलिटी प्राइवेट हॉस्पिटल, भेलसर में चल रहा था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने 8 से 10 महीने के इलाज, जांच और दवाओं के लिए उनसे लगभग 2.50 लाख रुपये वसूले थे। अस्पताल ने उन्हें सुरक्षित प्रसव का आश्वासन दिया था। बीते 22 नवंबर को पूजा को प्रसव पीड़ा होने पर इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के पुरुष और महिला स्टाफ ने लापरवाही से प्रसव कराया। पूजा ने बताया कि डॉ. अंशिका सिंह ने उन्हें छुआ तक नहीं, बल्कि स्टाफ ने उनके पेट पर गलत तरीके से दबाव डाला, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई और नवजात शिशु की मृत्यु हो गई। नवजात की मौत के बाद जब परिजनों ने बच्चे को देखने की मांग की, तो अस्पताल कर्मचारियों ने लगभग एक घंटे तक टालमटोल की। बाद में, चिकित्सकों ने बच्चे की हालत गंभीर बताकर उसे रेफर कर दिया। जब परिजन नवजात को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, तो वहां के चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। 10 वर्ष के बाद पूजा को एक बच्चा हुआ वह भी डॉक्टरों की लापरवाही से खत्म हो गया। कोतवाली रुदौली के प्रभारी निरीक्षक संजय मौर्य ने इस मामले में जानकारी होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो भी कार्रवाई होगी, वह मुख्य चिकित्साधिकारी के स्तर से की जाएगी।
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