जिला निर्वाचन अधिकारी अनुपम शुक्ला के निर्देशानुसार अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) रंजीत सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR–2026) कार्यक्रम को लेकर आयोजित की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है। बैठक में अपर जिलाधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, पुनरीक्षण कार्यक्रम और पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विशेष पुनरीक्षण का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो और सभी पात्र नागरिकों के नाम सूची में सही ढंग से दर्ज किए जा सके। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं। इन भरे हुए प्रपत्रों को 04 दिसंबर 2025 तक वापस प्राप्त कर डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया पूरी की जानी है। अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) को पुनरीक्षण कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करें। इससे हर बूथ पर बीएलओ को प्रभावी सहयोग मिल सकेगा, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में अतिरिक्त समर्थन की अपेक्षा की गई। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि गणना प्रपत्रों को सही-सही भरकर शीघ्रतापूर्वक बीएलओ को उपलब्ध कराया जाए, ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी प्रविष्टियों का डिजिटाइजेशन हो सके। यदि किसी मतदाता को प्रपत्र भरने में कठिनाई होती है, तो वे तत्काल अपने क्षेत्र के बीएलओ से संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी ने गणना प्रपत्र भरने की प्रक्रिया भी समझाई। उन्होंने बताया कि प्रपत्र के शीर्ष भाग में मतदाता को अपना फोटो, माता-पिता का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करना होता है। निचले हिस्से में एसआईआर 2003 से संबंधित जानकारी भरनी होती है। यदि व्यक्ति का नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में शामिल था, तो उसका विवरण बाईं ओर दर्ज किया जाना चाहिए। यदि उस समय नाम शामिल नहीं था, तो दाईं ओर अपने माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी में से किसी एक का 2003 संबंधी विवरण लिखा जा सकता है।
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