अमेठी जिले में किसानों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्थापित किसान कल्याण केंद्र बंद पड़े हैं। लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए इन केंद्रों पर ताले लटके होने के कारण किसानों को खाद, बीज, दवाएँ और सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पा रही है, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जनपद स्तर पर किसानों की मदद के लिए सरकार ने कई व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन अमेठी के ये केंद्र अव्यवस्था का शिकार हो गए हैं। कई केंद्रों पर कर्मचारी समय पर नहीं आते, और जहाँ आते भी हैं, वहाँ सुविधाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। नतीजतन, किसानों को आवश्यक कृषि सामग्री और मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है। इन किसान कल्याण केंद्रों को सस्ती दवाएं, बीज, कीटनाशक उपलब्ध कराने और सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाने के उद्देश्य से खोला गया था। हालांकि, वर्तमान में इन केंद्रों की इमारतें भी जर्जर हालत में हैं और वे अपने मूल उद्देश्य को पूरा करने में विफल साबित हो रहे हैं। किसानों ने इस स्थिति पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है और व्यवस्थाओं में सुधार की मांग की है। अमेठी के किसान संजय कुमार ने बताया, “केंद्र कब बंद होता है और कब खुलता है, इसका पता ही नहीं चलता। खाद उपलब्ध नहीं है, जिससे खेती-किसानी प्रभावित हो रही है।” एक अन्य किसान ने कहा कि केंद्र बंद रहने के कारण उन्हें किसी भी योजना की जानकारी नहीं मिलती, जिससे केवल परेशानी हो रही है। इस संबंध में, जिला कृषि अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि किसानों की समस्याओं पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि कहीं से भी शिकायत आती है, तो दोषी व्यक्तियों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
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