नई जेनरेशन तक ‘गीता’ को पहुंचाने का प्रयास जाने-माने पार्श्व गायक व संगीतकार अभिजीत घोषाल की ओर से की जा रही है। आने वाले दिनाें में उनके सुर में ‘गीता’ के संस्कृत श्लोक सरल शब्दों में सुनाई देंगे। इसके लिए वह काम कर रहे हैं। सा रे गा मा पा के 11 बार के लगातार विजेता रहे अभिजीत घोषाल प्रयागराज पहुंचे थे। उनकी ‘दैनिक भास्कर’ से विशेष बातचीत हुई। उन्होंने कहा, युवाओं को ‘गीता’ से जोड़ने के लिए हम ऐसा प्रयास कर रहे हैं जिसमें हम गीता के श्लोकों का 2 लाइन के दोहे में मीनिंग बता सकें। यशपाल शर्मा की एक बुक है, गीता के दोहों में अनुवाद की। इसका भी सपोर्ट ले रहे हैं। बिना गुरु के नहीं सफल हो सकते युवा अभिजीत घोषाल ने कहा, गुरु के बिना नई पीढ़ी अपनी मंजिल की तरफ आसानी से नहीं पहुंच सकती है। इसी तरह से सिंगर बनने के लिए भी गुरु बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय का टॉपर रहा। पहले एग्जाम में ही बैंक में पीओ की नौकरी लग गई थी लेकिन नौकरी छोड़ दी और इस फील्ड में उतरा। हकीकत तो यह है कि हमने सिंगर बनने के लिए कोई कोर्स नहीं किया था। हमारे गुरु ही हमारे लिए किसी कोर्स से कम नहीं थे। आज के डेट में भी मेरे चार गुरु हैं, आगे भी हमेशा गुरु रहेंगे। बता दें, अभिजीत घोषाल मूलत: प्रयागराज के ही रहने वाले हैं। इनकी पढ़ाई भी इसी शहर से हुई है। वह विश्वविद्यालय में गोल्ड मेडलिस्ट रहे। वह अभी अपने शहर में आए तो अपने दोस्तों और सगे संबंधियों के बीच पहुंच रहे हैं। सिर्फ गिटार लेके बजाने से नहीं मिलती सफलता अभिजीत घोषाल ने कहा, सबसे ज्यादा जरूरी है। पढ़ाई को ज्यादा महत्व दीजिए, इसके साथ ही कुछ अलग करिए। ऐसा नहीं कि कोई आता है और गिटार लेके गा दे रहा है.. यह गलत है। दूसरी बात, कहीं न कहीं जाकर सीखिए। अभिजीत घोषाल अलग-अलग देशों में 17 भाषाओं में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। बॉलीवुड मूवी लंदन ड्रीम्स का सबसे ज्यादा चर्चित सांग ‘जश्न है जीत का’ भी अभिजित ने गाया है। करीब 15 हजार गाने इन्हें कंठस्थ हैं। इन्होंने मां पर एक गाना गाया है, वो है मां.. बहुत ही सराही गई।
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