कल सोमवार को प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों ने प्रदर्शन किया। इस आंदोलन में कुछ राजनीतिक दलों से जुड़े लोग शामिल हुए थे, इससे प्रतियोगी छात्रों में नाराजगी रही। इसे देखते हुए आज मंगलवार को विभिन्न छात्र संगठनों की वर्चुअल रूप से संयुक्त बैठक हुई। इसमें कई अहम मुद्दों पर मंथन हुआ। इसमें अब भर्ती संस्थाओं से संबंधित आंदोलन की तैयारी व रणनीति तैयार करने के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया गया। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय के नेतृत्व में हुई वर्चुअल बैठक में 15 दिसंबर को लोक सेवा आयोग पर हुए प्रदर्शन में राजनीतिक हस्तक्षेप की कड़ी आलोचना की गई। आंदोलन में नहीं होगा किसी राजनीतिक दल का झंडा बैठक में निर्णय लिया गया कि एक संयुक्त कमेटी होगी जो भर्ती संस्थाओं के मनमानेपन के खिलाफ लड़ाई लड़ने और प्रदर्शन के लिए निर्णय लेने का कार्य करेगी। जल्द ही अलग अलग जगहों पर छात्रों के साथ बैठक कर के आगे की रणनीति तय की जाएगी। साथ मे समिति ने निर्णय लिया कि छात्र आंदोलन में सभी राजनीतिक दलों और छात्र संगठनों से सहयोग लिया जाएगा लेकिन सिर्फ छात्रों के मुद्दे पर किसी भी प्रदर्शन में किसी राजनीतिक दल के झंडा, बैनर या समर्थन या विरोध में नारेबाजी की अनुमति नहीं होगी। समस्त छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने पक्ष रखे। सर्व सहमति से समन्वय समिति के गठन का निर्णय लिया गया। बैठक में यह रहे शामिल इस बैठक में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति से प्रशांत पांडेय, प्रतियोगी छात्र प्रतिनिधिमंडल के संयोजक शीतला प्रसाद ओझा, कृषि प्रतियोगी छात्रसंघ से अभिनव मिश्रा, प्रतियोगी छात्र महासंघ बेट्टू बाजपेयी, छात्र ज्ञान संघ से ज्ञान शुक्ला, समीक्षा अधिकारी /सहायक समीक्षा अधिकारी संघर्ष कमेटी से संदीप अग्रहरि, प्रतियोगी छात्र राघवेंद्र तिवारी, मो. रिजवी, आशीष सिंह, भीमराज, प्रवीण गुप्ता, अर्चना सिंह, श्वेता तिवारी, नीरज मिश्रा, सचिन समेत अन्य मौजूद रहे।
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