मेरठ के ग्राम अब्दुल्लापुर में छोटे जोत के किसानों ने मेरठ विकास प्राधिकरण (MDA) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि MDA के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, झूठी एफआईआर दर्ज की जा रही हैं और उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों ने बताया कि 9 जून को MDA के उत्पीड़न के कारण उनके भाई मनोहर की मृत्यु हो गई थी। पुलिस द्वारा मनोहर का पोस्टमार्टम भी कराया गया, लेकिन आज तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, जबकि इसकी शिकायत थाने से लेकर सभी उच्च अधिकारियों को की गई थी। किसानों की इन जमीनों से संबंधित मुकदमा सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है और MDA को भी नोटिस प्राप्त हो चुका है। इसके बावजूद, किसानों का आरोप है कि भू-माफियाओं के दबाव में MDA 15 दिसंबर को उनकी फसलों, रहन-सहन के सामान और सिंचाई के उपकरणों को नष्ट करते हुए, बिना उचित मुआवजे के उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। किसानों का दावा है कि उन्हें MDA या किसी अन्य संस्था से आज तक कोई मुआवजा नहीं मिला है। किसानों ने इस उत्पीड़न के खिलाफ 16 दिसंबर को थाना भावनपुर में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी, लेकिन उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। इसके बजाय, उन्हें डराने के उद्देश्य से एकतरफा कार्रवाई करते हुए 17 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर दी गई। इसमें मृतक के परिवार के उन सदस्यों के नाम भी शामिल हैं जो मौके पर मौजूद नहीं थे और बाहर रहते हैं। किसानों ने इसे जमीन से बेदखल करने की साजिश बताया है। उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि उनके भाई की मृत्यु (9 जून 2025) और 15 दिसंबर को फसलों व सामान को नष्ट करने के संबंध में एफआईआर दर्ज की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि वे बिना किसी भय के अपनी जमीनों पर खेती कर सकें।
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