गाजियाबाद में नाला साफ न होने से दुखी एक व्यक्ति ने इच्छामृत्यु मांगी है। उसने राष्ट्रपति और देश के मुख्य न्यायाधीश का पत्र लिखा है। उसने लिखा- हमारी कॉलोनी से एक बरसाती नाला निकलता है। इसमें साहिबाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों और अस्पतालों से निकलने वाला गंदा पानी तथा मेडिकल कचरा डाला जा रहा है। इस कारण से बदबू और जहरीली गैसें निकलती हैं। इन जहरीली गैसों के कारण इलाके के लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। आंखों में जलन, सिरदर्द और त्वचा संबंधी बीमारियों हो रही हैं। कई बार प्रशासन से नाला सफाई को लेकर शिकायत की गई। मगर आश्वासन दिया जा रहा है। मैं इन जहरीली गैस से नहीं मरना चाहता, ऐसे में मुझे इच्छामृत्यु दी जाए। साहिबाबाद स्थित डेल्टा कॉलोनी के बृज विहार निवासी हेमंत भारद्वाज रविवार को नाले में घुस गए। उन्होंने बताया कि बीते कई वर्षों से वे नगर निगम, संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से नाले की सफाई और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिले हैं। बताया कि यह नाला लगभग 26 साल पहले केवल बरसात का पानी निकालने के लिए बनाया गया था। बारिश के दौरान इसकी स्थिति और भी बदतर हो जाती है। नाला ओवरफ्लो होने पर पानी बी और सी ब्लॉक के घरों में घुस जाता है। ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले परिवार सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। पहले नाले की चौड़ाई बढ़ाई गई थी, लेकिन इससे पानी कॉलोनी की ओर वापस आने लगा और समस्या और बढ़ गई। नाले से निकलने वाली जहरीली गैसों का असर घरों में रखे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर भी पड़ता है। जिससे टीवी, फ्रिज और कूलर जैसे उपकरण जल्दी खराब हो जाते हैं, क्योंकि गैसों के कारण उनकी पीसीबी पर कार्बन जम जाता है। हेमंत भारद्वाज ने बताया कि डेल्टा कॉलोनी और आसपास के इलाकों की करीब डेढ़ लाख आबादी इस समस्या से जूझ रही है। कई बार शिकायत करने के बावजूद जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने मजबूरी में इच्छामृत्यु की मांग की है।
https://ift.tt/UuDdEen
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply