बाराबंकी में सफदरगंज कोतवाली प्रभारी पर एक अधिवक्ता के साथ अभद्रता और उन्हें लॉकअप में बंद करने के आरोप के बाद जिले के अधिवक्ता आंदोलन पर उतर आए। बार एसोसिएशन अध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा और महामंत्री रामराज यादव के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने सिविल कोर्ट परिसर से जुलूस निकालकर एसपी कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान नारेबाजी और प्रदर्शन के कारण कुछ समय के लिए अफरातफरी का माहौल बन गया। अधिवक्ताओं का आरोप है कि रविवार को पारिवारिक विवाद के एक मामले में अधिवक्ता चंद्रेश कुमार को सफदरगंज थाने बुलाया गया था। थाने पहुंचने पर कोतवाली प्रभारी अमर चौरसिया ने उनके साथ कथित तौर पर अभद्रता की और विरोध करने पर उन्हें लॉकअप में बंद कर दिया। इस घटना की जानकारी मिलने पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महामंत्री ने कोतवाल से फोन पर बात करने का प्रयास किया, लेकिन आरोप है कि उनकी बात भी नहीं सुनी गई। घटना के विरोध में अधिवक्ताओं ने पहले सिविल कोर्ट परिसर में नारेबाजी की। इसके बाद पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन करते हुए जुलूस निकाला, जो कलेक्ट्रेट होते हुए एसपी कार्यालय पहुंचा। यहां अधिवक्ताओं ने एसपी कक्ष के बाहर प्रदर्शन किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन अधिवक्ता पुलिस अधीक्षक से सीधी वार्ता पर अड़े रहे। करीब एक घंटे चले प्रदर्शन के बाद पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने प्रदर्शनकारी अधिवक्ताओं से बातचीत की। उन्होंने मामले की जांच सीओ सदर को सौंपने और रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद अधिवक्ता शांत हुए। जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि यदि कोतवाली प्रभारी को निलंबित नहीं किया गया तो अधिवक्ता उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। वहीं, पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि अधिवक्ताओं की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और निष्पक्ष जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस आंदोलन के चलते सोमवार को न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप रहा। बाद में बार सभागार में अधिवक्ताओं की बैठक हुई,अधिवक्ताओं का कहना है कि सफदरगंज थानाध्यक्ष की कार्यशैली को लेकर पहले से ही असंतोष था, और यदि कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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