फिरोजाबाद में एक 14 साल पुराने मामले में न्यायालय ने अधिवक्ता को गोली मारने के दोषी अरुण को सात वर्ष के कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। इसी मामले में दोषी अरुण की मां राजकुमारी को साजिश रचने के आरोप से बरी कर दिया गया है। यह घटना 28 जनवरी 2011 को थाना उत्तर क्षेत्र में हुई थी। जैननगर निवासी कमलेश ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि वह अपने चाचा आनंद के साथ पैदल कोर्ट जा रहे थे। जब वे महावीर नगर पेट्रोल पंप के पास पहुंचे, तभी पीछे से बाइक पर अरुण, देवेंद्र (निवासी हिमांयूपुर, थाना दक्षिण) और एक अन्य हमलावर आए। उन्होंने तमंचे से अधिवक्ता आनंद को गोली मार दी थी। विवेचक ने मामले की जांच के बाद अरुण और उसकी मां राजकुमारी के खिलाफ जानलेवा हमला और साजिश रचने की धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय संख्या दो के न्यायाधीश सर्वेश कुमार पांडेय की अदालत में हुई। अभियोजन की ओर से एडीजीसी अवधेश कुमार शर्मा ने पक्ष रखा। न्यायालय ने साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर अरुण को दोषी पाया, जबकि उसकी मां राजकुमारी को दोषमुक्त करार दिया। एडीजीसी अवधेश कुमार शर्मा ने बताया कि अधिवक्ता आनंद, अरुण पर दर्ज एक मुकदमे में विपक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे थे। इसी खुन्नस में अरुण ने उन्हें गोली मारी थी।
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