अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में मंगलवार को टीटी (टिकट परीक्षक) की कार्डियक अटैक से मौत हो गई। ट्रेन मुंबई से दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन जा रही थी। वह अपने साथियों के साथ सीट पर बैठकर हंसी -मजाक कर रहे थे। गाड़ी जैसे ही मथुरा के कोसी रेलवे स्टेशन के पास पहुंची। टीटी के सीने में दर्द होने लगा। उनके हाथ से मोबाइल छूटकर गिरा। वह खुद सीट से नीचे गिर पड़े। साथियों ने उन्हें CPR दिया। उसके बाद स्टेशन पर ट्रेन रुकवाई। उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि कार्डियक अटैक से उनकी मौत हुई है। सोमवार को मुंबई से दिल्ली के लिए चले थे धीरज कुमार (54) गुजरात के बलसाड़ के रहने वाले थे। सोमवार को मुंबई से अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में ड्यूटी कर रहे थे। मंगलवार को सुबह करीब 7 बजे ट्रेन जैसे ही मथुरा से चली तो वह चैकिंग करने के बाद अपने साथियों के पास आकर बैठ गए। उनके साथ हंसी-मजाक करने लगे। ट्रेन जैसे ही छाता स्टेशन से कोसी की तरफ बढ़ी तभी धीरज के हाथ से अचानक मोबाइल छूटकर गिर पड़ा। कुछ ही सेकेंड में वह सीट से नीचे गिर पड़े। साथियों ने दी CPR, गार्ड को दी सूचना धीरज के गिरते ही उनके साथियों ने उन्हें CPR देना शुरू कर दिया। इसी बीच किसी साथी ने ट्रेन के गार्ड को सूचना दे दी गई। ट्रेन जैसे ही 3 किलोमीटर का सफर कर कोसी स्टेशन पहुंची। वहां उसे रोक दिया गया। स्टेशन मास्टर राजू मीणा और आरपीएफ के अनुज सिंह ट्रेन से धीरज को उतारकर ऑटो से कोशी कला के सीएचसी लेकर पहुंचे। वहां पर डॉ. स्वतंत्र सक्सेना ने उनका चेक किया। उसके बाद बताया कि कार्डियक अटैक से उनकी मौत हुई है। साथी बोले- पहले से नहीं थी कोई बीमारी साथियों ने बताया- धीरज कुमार बेहद शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। कभी तनाव में नहीं रहते थे। हमेशा हंसी मजाक करते थे। उन्होंने कभी भी किसी बीमारी का जिक्र नहीं किया था। रेलवे पुलिस ने उनकी मौत की सूचना उनके परिजनों को दे दी। परिजन अभी पहुंचे नहीं हैं। उनके आने के बाद पोस्टमार्टम होगा। ————————- ये भी पढ़ें – राजनाथ सिंह बोले- वंदे मातरम् का उत्सव दिखावे का नहीं:अखिलेश ने कहा- हम बच्चों को पढ़ाते हैं, तो मुकदमा होता है; संसद में हुई बहस संसद के शीतकालीन सत्र के छठे दिन सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर चर्चा हुई। इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- ‘वंदे मातरम्’ कोई दिखावा नहीं, कोई राजनीति का भी विषय नहीं। इनके भाषण और विचार सुनते हैं, तो लगता है कि इन्होंने ही इस गीत को बनवाया है। ये राष्ट्रवादी नहीं, राष्ट्र-विवादी लोग हैं। दरारवादी लोग हैं। पढ़िए पूरी खबर…
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