समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कफ सीरप मामले में यूपी सरकार पर सवाल उठाए हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई नहीं होने को लेकर सरकार की बुलडोजर नीति पर तंज कसा है। उन्होंने कफसीरप शुभम समेत अन्य सभी के घर बुलडोजर चलाए जाने की तारीख पूछी है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार में बाबा का जो बुलडोजर न्याय देता था, वो बुलडोजर कहां है? क्या बुलडोजर की चाबी खो गई या ड्राइवर ही बुलडोजर छोड़कर भाग गया? अब तक यहां कोई सुनवाई नहीं होती थी केवल बुलडोजर चलता था वो अब कफसीरप माफिया पर क्यों नहीं चल रहा है। उन्होंने आरोप भी लगाए कि कफसीरप कांड में एसटीएफ के लोग शामिल हैं इसलिए बुलडोजर नहीं चल रहा है। जो लोग दबाना चाहते हैं उसमें सबसे ज्यादा जौनपुर के लोग शामिल हैं। इन सभी को वहां पर कौन पोस्टिंग दिलाता था इसकी भी जांच हो। जौनपुर में एक यादव को चंद रुपयों के आरोप में गोली मारकर फेंक एनकाउंटर किया गया। अमेठी में भी एक स्वजातीय को मारा। जनता में फेक परसेप्शन बना रहे हैं। जबकि असली आरोपियों की गिरफ्तारी, बुलडोजर या अन्य कार्रवाई में लेटलतीफी हो रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कफ सीरप माफिया शुभम जायसवाल का वीडियो आने के बाद पूरी सरकारी मशीनरी और वाराणसी समेत यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया पर खुलकर बोले। पूर्व सीएम ने कहा कि बनारस समेत कई प्रदेशों में यह कफ सीरप कारोबार नेटवर्क फैला हुआ है। इस नेटवर्क में प्रशासनिक अफसर, पुलिस अफसर, भारतीय जनता पार्टी के लोग शामिल हैं। आज आरोपों की सफाई का वीडियो एक चैनल पर चला है, इससे पहले रशिया के राष्ट्रपति का इंटरव्यू चल रहा था। शुभम का वीडियो चैनल पर चलने का मतलब है सरकार के लोगों को पता है कि वह आरोपी शुभम कहां है और अगर सफाई देनी है तो उसे भारत में आकर अपनी बात रखनी चाहिए। जो लोग उन्हें दोषी लगते हैं, सरकार के सामने खुलेआम उनका नाम उजागर करना चाहिए। वहीं यह भी पूछा की आरोपी शुभम के घर और संपत्तियों पर कब बुलडोजर चलेगा। काले कारोबारी की काली कमाई से गाड़ियों का गिफ्ट यह बड़ा मामला है कि सीरप जैसी दवा पर प्रश्न चिन्ह लग रहे है। इस कारोबार के मकड़जाल से गाड़ियां गिफ्ट की गई हैं और बेश कीमती गाड़ियां हैं। इस कारोबार के करप्शन से मुनाफा कमाकर बड़ी बड़ी गाड़ियां माफियाओं तक पहुंचाई गई हैं। इन्हें वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर जैसे शोरूम से डिलीवर किया गया है। इन शोरूम वाले अब उन लोगों का नाम भी नहीं बता रहे जिनके नाम ये गाड़ियां खरीदी गई हैं। शोरूम में इस काले पैसे की जानकारी भी नहीं है। इन ऑमट कार भी ली गई हैं। अगर आरोपी को इतना भरोसा है तो लखनऊ में आकर बताएं । हालांकि इसमें पूर्वांचल के बाहुबलियों का नाम शामिल है।
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