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अखिलेश को नहीं मिली आंबेडकर परिनिर्वाण दिवस मनाने की अनुमति:सपा बोली- भाजपा के दबाव में पुलिस ने परमिशन नहीं दी

डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा के लिए अखिलेश यादव को लखनऊ पुलिस की अनुमति नहीं मिली। यह सभा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 6 दिसंबर को आयोजित की जानी थी। गुरुवार शाम तक पुलिस ने अप्रूवल नहीं दिया, जिससे कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। यह जानकारी पार्टी पदाधिकारियों ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बीजेपी के दबाव में अनुमति नहीं दी। पार्टी नेताओं ने सरकार पर दलित समाज की आवाज दबाने और राजनीतिक कार्यक्रम रोकने का आरोप लगाया है। सपा के नेताओं का कहना है कि 6 दिसंबर के कार्यक्रम के लिए जुपिटर हॉल को फीस जमा करके रिजर्व करा लिया गया था। अब ऐनवक्त पर बताया जा रहा है कि तिथि बदल दी गई है। और तो और, अनुमति प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गई। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर हॉल का आरक्षण मंजूर था लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से जारी पत्र के अनुसार, समाजवादी पार्टी से जुड़े आयोजक गौरव कुमार ने 6 दिसंबर 2025 को जुपिटर हॉल (1500 क्षमता) के लिए 4,36,390 रुपए का शुल्क जमा कर हॉल बुक कराया था। सक्षम अधिकारी की मंजूरी 30 सितंबर को दे दी गई थी। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 5.0 के चलते 19 से 30 नवंबर तक सभी पूर्व आरक्षण रद्द कर दिए गए, जिसके बाद सपा आयोजकों ने 6 दिसंबर की नई तिथि मांगी। इसके बावजूद कार्यक्रम की अंतिम मंजूरी के लिए आवश्यक पुलिस अनुमति गुरुवार की शाम तक नहीं मिली, जिससे आयोजन ठप करना पड़ा। सपा मुख्यालय में प्रेसवार्ता, बोले- ‘भाजपा के दबाव में पुलिस’ समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में दोपहर 12 बजे प्रेसवार्ता की गई। इसमें प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल, लोकसभा सांसद आरके चौधरी, राष्ट्रीय सचिव एवं मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और अंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती शामिल हुए। आंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती ने कहा- परिनिर्वाण दिवस कार्यक्रम में आंबेडकर वाहिनी के कार्यकर्ता, प्रदेशभर से दलित समाज के लोग पूरी तैयारी में थे। बड़ी संख्या में लखनऊ पहुंच भी रहे थे, लेकिन इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के दबाव में लखनऊ पुलिस प्रशासन ने कार्यक्रम को रद्द कर दिया। भारती ने आगे कहा कि 19 दिसंबर 2024 को देश के गृहमंत्री ने बाबा साहेब का नाम लेकर बेहद अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि ‘अंबेडकर का नाम लेना फैशन हो गया है, अगर भगवान का नाम उतना लेते तो सात जन्म स्वर्ग में बिताते।’ मैं भाजपा की इस घटिया सोच की निंदा करता हूं। दलित समाज को पहचानना होगा कि कौन दोस्त है और कौन दुश्मन। आरके चौधरी बोले- योगी को सरकार भी चलानी है और बीएसपी भी मोहनलालगंज सांसद आरके चौधरी ने कहा कि मेरा सीधा आरोप है कि आरएसएस से जुड़ी भाजपा बाबा साहेब आंबेडकर को दिल से नहीं मानती। काशीरामजी ने गांव-गांव, शहर-शहर जाकर बाबा साहेब के मिशन को जनता के बीच पहुंचाया। उसी क्रम में आज लोग बाबा तेरा मिशन अधूरा… अखिलेश करेगा पूरा जैसे नारे लगा रहे हैं, और यह भाजपा को कड़वा लग रहा है। देश में ऊंची जातियों के लोग तरक्की कर गए, लेकिन जिस समाज को पढ़ाई की सबसे ज्यादा जरूरत थी, उसी समाज को सदियों तक रोका गया, अपमानित किया गया। यह वही सोच है जहां द्रोणाचार्य ने सबको शिक्षा दी, लेकिन एकलव्य से उसका अंगूठा कटवाकर उसकी योग्यता खत्म कर दी। आज भी यही मानसिकता जीवित है-एमपी, एमएलए, पुलिस कप्तान और आरएसएस के लोग दलितों की तरक्की से चिढ़ते हैं। चौधरी ने कहा- “योगी आदित्यनाथ सरकार दोहरी जिम्मेदारी है, सरकार भी चलाना है और बीएसपी भी। योगी के ऊपर दोहरी भूमिका निभा रही है सरकार भी चला रही है और प्रशासन पर दबाव भी डाल रही है। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।” अंत में उन्होंने कहा अगड़ा हो चाहे दलित हो, पिछड़े हो, मुस्लिम हों सब बाबा साहेब के संविधान के तहत बराबर हैं। इसी विचारधारा को बचाकर भारत दुनिया में आगे बढ़ेगा।” समता-समानता के लिए हमारा संघर्ष जारी : पाल समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के बनाए हुए संविधान को बचाने और देश के लोगों के बीच भाईचारा, समता और समानता का संदेश फैलाने के लिए हमारा संघर्ष जारी है। बाबा साहेब भारत को एक ऐसे समूह के रूप में देखना चाहते थे, जहां सबको बराबरी मिले और नफरत की राजनीति के लिए कोई स्थान न हो। भारतीय जनता पार्टी ने पूरे देश में नफरत का बीज बोया है-मीडिया, प्रशासन और समाज में बंटवारे के जरिये। हम उत्तर प्रदेश सरकार से पूछना चाहते हैं कि 6 दिसंबर, जो बाबा साहेब का परिनिर्वाण दिवस है, उस दिन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हमारे शांतिपूर्ण कार्यक्रम को अनुमति क्यों नहीं दी गई? जनता इस अन्याय का जवाब देगी और समय आने पर इस तानाशाही सरकार को हटाने का काम करेगी। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, लेकिन भाजपा-आरएसएस ने इसी लोकतंत्र के मंदिर में सिंदूर और सिंगोल का बीज बोकर संविधान की मूल भावना को कमजोर करने की कोशिश की है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कहा है कि “6 दिसंबर का कार्यक्रम भले ही रद्द कर दिया गया हो, लेकिन इसे जिले-जिले में और बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।” दलित समाज को जोड़ने की रणनीति, 2024 की जीत का हवाला आंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव रामबाबू सुदर्शन के अनुसार सपा बाबा साहेब आंबेडकर वाहिनी का गठन दलित और वंचित समाज को बड़े पैमाने पर जोड़ने के उद्देश्य से किया गया था। उनका कहना था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को दलित मतदाताओं से अभूतपूर्व समर्थन मिला, जिसका नतीजा 39 सीटों की ऐतिहासिक जीत के रूप में सामने आया। सपा इस समर्थन को मजबूत करते हुए 2027 के विधानसभा चुनाव में दलित समाज की निर्णायक भूमिका सुनिश्चित करना चाहती है। श्रद्धांजलि सभा में अखिलेश यादव होने थे मुख्य अतिथि 6 दिसंबर को आयोजित होने वाली श्रद्धांजलि सभा में सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों से दलित समाज के प्रमुख नेता, पूर्व एवं वर्तमान सांसद-विधायक और राष्ट्रीय पदाधिकारी बड़ी संख्या में शामिल होने वाले थे। अध्यक्षता आंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती को करनी थी।


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