भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय, नेहरू भवन में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई। वरिष्ठ नेताओं ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके विचारों, समाज सुधार की अवधारणाओं तथा संविधान निर्माण में उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा की। सभा में वक्ताओं ने कहा कि आज के दौर में अंबेडकर के विचार और भी अधिक प्रासंगिक हैं, जब लोकतांत्रिक मूल्यों, सामाजिक न्याय और समता के संरक्षण की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। उपनेता प्रतिपक्ष प्रमोद तिवारी ने कहा-संविधान की रक्षा हमारा पहला धर्म स्मृति सभा को संबोधित करते हुए राज्यसभा में उपनेता प्रतिपक्ष प्रमोद तिवारी ने कहा कि बाबा साहब का पूरा जीवन हमें समानता, स्वतंत्रता और बंधुता की मूल भावना को मजबूत करने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि आज जब समाज में वैचारिक विभाजन और अधिकारों पर संकट की स्थिति दिखाई देती है, तब अंबेडकर के सिद्धांत लोकतंत्र की रीढ़ बनकर खड़े होते हैं। प्रमोद तिवारी ने कहा, “संविधान की रक्षा और बाबा साहब के बताए मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। हमें उनके आदर्शों को घर-घर तक पहुंचाना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी न्याय और समता की इस विरासत को समझ सकें।” सांसद तनुज पुनिया बोले-अंबेडकर ने दलितों के अधिकारों की नई दिशा तय की स्मृति सभा में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन और सांसद तनुज पुनिया ने डॉ. अंबेडकर के ऐतिहासिक योगदान को याद करते हुए कहा कि बाबासाहब ने न सिर्फ सामाजिक आंदोलन खड़ा किया बल्कि दलितों, मजदूरों और वंचित वर्गों के सम्मान और अधिकारों के लिए नए रास्ते तैयार किए। उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने शिक्षा को समाजिक बराबरी का सबसे बड़ा हथियार बताया और दलित युवाओं को छात्रवृत्ति, छात्रावास और मार्गदर्शन की व्यवस्था देकर सामाजिक बदलाव की नींव रखी। तनुज पुनिया ने आगे कहा, “अंबेडकर ने श्रमिकों के अधिकारों, न्यूनतम मजदूरी, श्रम सुरक्षा और आरक्षण जैसे प्रावधानों के माध्यम से वंचित समुदाय को नई पहचान दिलाई। उनका जीवन भारत में सामाजिक समता की संघर्ष गाथा है।” आराधना मिश्रा मोना ने कहा- अंबेडकर मानवाधिकार और सामाजिक न्याय के महान पुरोधा उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर सिर्फ संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि मानवाधिकार, शिक्षा और सामाजिक न्याय के सबसे बड़े संरक्षक थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने अपना जीवन समाज के कमजोर और हाशिए पर पड़े समुदायों के सम्मान और उन्नति के लिए समर्पित कर दिया। उनका दृष्टिकोण आज भी आधुनिक भारत की आधारशिला है और देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करता है। अनीस अंसारी से लेकर अखिलेश प्रताप तक-वरिष्ठ नेताओं ने साझा किए विचार स्मृति सभा में राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह, रिटायर्ड आईएएस अनीस अंसारी, पूर्व मंत्री राजबहादुर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. लालती देवी ने भी अंबेडकर के बहुआयामी योगदान पर प्रकाश डाला।नेताओं ने कहा कि अंबेडकर का जीवन सामाजिक परिवर्तन का प्रेरक स्रोत है, जिसने भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नई दिशा और शक्ति दी। कांग्रेसजनों ने बड़ी संख्या में दी श्रद्धांजलि सभा में पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला, निवर्तमान प्रदेश महासचिव मुकेश सिंह चौहान, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रूद्र दमन सिंह बबलू समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और उनके सामाजिक तथा संवैधानिक योगदान को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कांग्रेस नेता बिजेन्द्र सिंह ने किया।
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