अंबेडकरनगर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 76,360 मामलों का निस्तारण किया गया। इस दौरान 5.92 करोड़ रुपये से अधिक के समझौतों पर सहमति बनी, जिसमें से 2.41 करोड़ रुपये से अधिक की राशि तत्काल वसूल की गई। यह लोक अदालत न्यायालयों पर बढ़ते मुकदमों के बोझ को कम करने और आपसी सुलह-समझौते से विवादों को निपटाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने राष्ट्रीय लोक अदालत के लाभ और उद्देश्यों की जानकारी दी। बताया गया कि हत्या जैसे जघन्य अपराधों को छोड़कर, अन्य सभी मामले जिनका निपटारा सुलह-समझौते से संभव है, उन्हें वादीगण अपनी सहमति से निस्तारित करवा सकते हैं। प्रशासनिक न्यायमूर्ति महोदय ने प्री-लिटिगेशन वादों के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके तहत, किसी भी झगड़े, मारपीट या वैवाहिक मामलों को बढ़ने से पहले ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से बिना किसी न्यायालय शुल्क के, केवल आवेदन पत्र द्वारा सुलह-समझौता कराया जा सकता है। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 18 अदालतें लगाई गईं। माननीय जनपद न्यायाधीश श्री चंद्रोदय कुमार ने 3 वादों का निस्तारण किया। प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, राजेश भारद्वाज ने 82 वैवाहिक और पारिवारिक वादों का निपटारा किया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, अंबेडकरनगर ने 18 वादों का निस्तारण करते हुए 1,11,55,003 रुपये का समझौता कराया। अंबेडकरनगर के समस्त न्यायालयों और ग्राम न्यायालयों द्वारा कुल 10,028 वाद निपटाए गए। जनपद के राजस्व न्यायालयों ने 18,936 राजस्व वादों का निस्तारण किया। विद्युत विभाग के 3,506 वाद और जनपद के अन्य विभागों के 42,986 वाद भी निपटाए गए। भारत संचार निगम लिमिटेड, बैंक ऑफ बड़ौदा, बड़ौदा उ.प्र. ग्रामीण बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक सहित जनपद के अन्य बैंकों ने स्टॉल लगाकर 901 वादों का निस्तारण किया। इन मामलों में 5,92,56,524 रुपये का समझौता हुआ और 2,41,63,260 रुपये तत्काल वसूल किए गए। इस प्रकार, कुल 66,332 प्री-लिटिगेशन वादों का निस्तारण हुआ। कुल मिलाकर इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 76,360 वादों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया।
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