अंबेडकरनगर जिले में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। कृषि विभाग ने दिसंबर माह तक की उर्वरक उपलब्धता के आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी। विभाग ने उर्वरकों की कालाबाजारी और ओवर-रेटिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर माह तक यूरिया का लक्ष्य 20992 मीट्रिक टन था। जिसके सापेक्ष 26691 मीट्रिक टन उपलब्ध हुआ। डीएपी का लक्ष्य 12089 मीट्रिक टन के मुकाबले 9479 मीट्रिक टन, एनपीके का लक्ष्य 3855 मीट्रिक टन के सापेक्ष 7911 मीट्रिक टन, एसएसपी का लक्ष्य 12083 मीट्रिक टन के सापेक्ष 15844 मीट्रिक टन और एमओपी का लक्ष्य 450 मीट्रिक टन के सापेक्ष 282 मीट्रिक टन उपलब्ध रहा। वितरण के बाद, वर्तमान में सहकारिता और निजी क्षेत्रों में संयुक्त रूप से 13882 मीट्रिक टन यूरिया, 1289 मीट्रिक टन डीएपी, 2477 मीट्रिक टन एनपीके, 6864 मीट्रिक टन एसएसपी और 101 मीट्रिक टन एमओपी उपलब्ध है। विभाग ने पुष्टि की है कि जिले में यूरिया और फास्फेटिक उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। सभी थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को उनकी जोत और फसल की संस्तुत मात्रा के अनुसार पीओएस मशीन के माध्यम से निर्धारित दर पर ही उर्वरक वितरित करें। यदि कोई विक्रेता मुख्य उर्वरकों (यूरिया, डीएपी, एनपीके कॉम्प्लेक्स, एमओपी, एसएसपी) के साथ अन्य उत्पाद खरीदने के लिए बाध्य करता है, निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर बेचता है, या जमाखोरी, कालाबाजारी, डायवर्जन जैसी अनियमितताओं में लिप्त पाया जाता है, तो उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसानों को उर्वरक प्राप्त करने के लिए अपना आधार कार्ड और जोत-बही/खतौनी लानी होगी, ताकि उसमें अंकित कृषि भूमि के अनुसार संस्तुत मात्रा में उर्वरक मिल सके। किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने नजदीकी बिक्री केंद्रों से पीओएस मशीन के माध्यम से ही उर्वरक प्राप्त करें। उर्वरक संबंधी किसी भी समस्या के लिए जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में एक उर्वरक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका हेल्पलाइन नंबर 9455485475 है। किसान इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
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