अलीगढ़ पहुंचे भारतीय अंतरिक्ष यात्री और वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि अंतरिक्ष यात्रा में सबसे बड़ी चुनौती डर पर विजय पाना है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान जब–जब डर लगता था, हनुमान चालीसा पढ़ लेते थे, इससे उनको ताकत मिलती थी। विद्यार्थियों में दिखा उत्साह वह रविवार को तालानगरी स्थित संत फिदेलिस सीनियर सेकेंडरी स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे थे। उनके पहुंचने से स्कूल का वार्षिकोत्सव अचानक एक छोटे स्पेस कॉन्फ्रेंस में बदल गया। छात्र शुभांशु शुक्ला से अंतरिक्ष के अनुभवों को जानने के लिए उत्साहित थे। सबसे बड़ा दुश्मन डर शुभांशु शुक्ला ने विद्यार्थियों से कहा कि लोग सोचते हैं कि रॉकेट, मशीनें, तकनीक मुश्किल होती है। लेकिन असल लड़ाई डर से होती है। डर को आप जितना सोचते हो, वो उतना बड़ा होता जाता है। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष यात्रा की प्रेरणा उन्हें राकेश शर्मा से मिली, और भारत अब उस मुकाम पर खड़ा है, जहां स्पेस ट्रैवल सिर्फ सपना नहीं, आने वाला करियर है। उन्होंने कहा कि हम बार-बार अंतरिक्ष जाएंगे, आने वाले सालों में यह भारत में एक फुलटाइम प्रोफेशन होगा। भारत ऊपर से, बहुत सुंदर दिखता है एक छात्र ने पूछा अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? इस पर शुभांशु मुस्कुराए और बोले कि पहले राकेश शर्मा ने कहा था ‘सारे जहां से अच्छा,। मैं कहता हूं कि वो आज भी उतना ही सच है। अभी पर फोकस करो डर को समझाने के लिए उन्होंने कहा कि मान लो कल एग्जाम है और पढ़ाई नहीं की। दो रास्ते हैं– पहला, आज रात डरते रहो और फिर भी कुछ मत पढ़ो। दूसरा, बस भूल जाओ कि क्या होने वाला है और जितना वक्त है, उसमें पढ़ डालो। उन्होंने कहा कि आप डर पर नहीं, काम पर फोकस करो, रिजल्ट खुद की सुधर जाएगा।
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