1962 में एयरफोर्स के इस्तेमाल से तनाव बढ़ता था:CDS चौहान बोले- भारत-चीन युद्ध में वायुेना का उपयोग चीन की बढ़त को रोक सकता था
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा, ‘1962 के भारत-चीन युद्ध में अगर भारतीय वायुसेना का इस्तेमाल किया जाता तो चीन की सेना की बढ़त को काफी हद तक धीमा किया जा सकता था।’ उन्होंने कहा- उस समय वायुसेना का इस्तेमाल ‘तनाव बढ़ाने वाला कदम’ माना जाता था, इसलिए इसकी परमिशन नहीं दी गई। वायुसेना के इस्तेमाल से सेना को जल्दी हमला करने, अनुकूल स्थिति का फायदा लेने और दुश्मन पर दबाव डालने का अवसर मिलता है। CDS चौहान ने कहा… 1962 की फॉरवर्ड पॉलिसी लद्दाख और पूर्वोत्तर सीमांत क्षेत्र (अब अरुणाचल प्रदेश) में एक जैसी नहीं हो सकती थी, क्योंकि दोनों क्षेत्रों की भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति अलग थी। लद्दाख में चीन पहले ही कब्जा कर चुका था, जबकि पूर्वोत्तर में भारत का दावा मजबूत था। दरअसल, CDS बुधवार को पुणे में लेफ्टिनेंट जनरल एस. पी. पी. थोराट की आत्मकथा ‘रिवेली टू रिट्रीट’ के रिवाइज्ड सेरेमनी लॉन्च वर्जन कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। जहां उन्होंने ये बात कही। सरकार ने CDS जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल बढ़ाया केंद्र सरकार ने बुधवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान (64) का कार्यकाल 8 महीने बढ़ाकर 30 मई 2026 तक कर दिया। जनरल चौहान का कार्यकाल पहले 30 सितंबर 2025 को समाप्त होने वाला था। CDS के लिए आयु सीमा 65 साल है और सरकार इस अवधि को बढ़ा भी सकती है। जनरल चौहान सितंबर 2022 से CDS और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिटरी अफेयर्स के सचिव के रूप में सेवा दे रहे हैं। CDS ने ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना, वायु सेना) के समन्वय को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने सेना में संयुक्त कार्य और रणनीतिक योजना पर भी ध्यान केंद्रित किया है। जनरल चौहान ने मई 2021 में सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद CDS का पद संभाला था। वे जनरल बिपिन रावत के निधन के 9 महीनों बाद इस पद पर आए थे। उनका सैन्य करियर बेहद प्रतिष्ठित रहा है। वे 1981 में 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन प्राप्त कर चुके हैं और जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व में आंतरिक सुरक्षा अभियानों का अनुभव रखते हैं। CDS चौहान को पैराम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल समेत कई सम्मानों से सम्मानित किया गया है। क्या होती है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की भूमिका? कैसे हुआ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का गठन? ………………………………
CDS अनिल चौहान से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… ‘कल के हथियारों से आज की जंग नहीं जीत सकते’: CDS बोले- विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता हमें कमजोर बना रही, स्वदेशी एडवांस टेक्नोलॉजी जरूरी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने जुलाई में कहा था कि हम कल के हथियारों से आज की लड़ाई नहीं जीत सकते। उन्होंने कहा था कि विदेश से इम्पोर्ट की गई टेक्नोलॉजी पर निर्भरता हमारी युद्ध तैयारियां कमजोर करती है। यह हमें कमजोर बना रही है। ऑपरेशन सिंदूर ने हमें दिखाया कि हमारे लिए स्वदेशी C-UAS (काउंटर-अनमैंड एरियल सिस्टम) यानी एंटी ड्रोन सिस्टम क्यों जरूरी है। हमें अपनी सुरक्षा के लिए इन्वेस्टमेंट करना होगा। पूरी खबर पढ़ें…
Source: देश | दैनिक भास्कर
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