यूपी में बिना पढ़े 80 हजार में बनिए डॉक्टर:डिग्री-डिप्लोमा बेच रहे दलाल बोले– कश्मीर तक के लोग भी ले गए
यूपी में पैसे लेकर एक से छह महीने में फर्जी डॉक्टर बनाए जा रहे हैं। दलाल बैक डेट में डिग्री दिलाने का दावा कर रहे हैं। कहते हैं- कश्मीर तक के लोग यहां से डिग्री लेकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। दलालों का ये पूरा कबूलनामा भास्कर के हिडन कैमरे में कैद हुआ। 17 मई, 2025 को यूपी के हापुड़ में मोनाड यूनिवर्सिटी के जरिए बड़े पैमाने पर डिग्रियां बेचने का खुलासा हुआ था। चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 1372 डिग्री-मार्कशीट जब्त की गईं। ये हर डिग्री/मार्कशीट के लिए 50 हजार से 4 लाख तक लेते थे। रैकेट बिहार, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान की 15 यूनिवर्सिटी तक फैला था। ये करीब 10 हजार लोगों को डिग्रियां और मार्कशीट बेच चुके हैं। इनमें डॉक्टर–इंजीनियर की डिग्रियां भी हैं। इस खुलासे के बाद यूपी में डिग्रियां बेचने का धंधा बंद हो गया या अब भी शॉर्टकट से डॉक्टर बनाया जा रहा? फर्जी डॉक्टर डिग्रियां कहां से लाते हैं? इन सवालों के जवाब के लिए दैनिक भास्कर ने अपने लोकल सोर्सेस, कुछ डिग्रीधारी लोगों को विश्वास में लेकर जानकारी ली तो पता चला कि मैनपुरी और आगरा में ऐसा हो रहा है। इसके बाद वहां जाकर 15 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। सिलसिलेवार पढ़िए… मैनपुरी के करहल में फर्जी डिग्री से डॉक्टर बना रहे हमने अपने इन्वेस्टिगेशन की शुरुआत मैनपुरी के करहल कस्बे से की। हमें एक झोलाछाप डॉक्टर से इसकी जानकारी मिली कि बाईपास रोड पर स्थित इंडोकेयर हॉस्पिटल की आड़ में रुपए लेकर डिग्री बांटने का खेल कर रहा है। सोर्स के जरिए इंडोकेयर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. रजिक खान का नंबर मिल चुका था। चूंकि हमें जानकारी थी तो हम पहले ही फोन पर डॉ. रजिक खान से खुद को झोलाछाप डॉक्टर बताकर बात कर रहे थे कि अब क्लिनिक चलाने में दिक्कत आ रही है। कोई डिग्री दिला दीजिए। दो-तीन बार की कॉल के बाद वह मिलने को तैयार हो गया। जिसके बाद हम करहल पहुंचे। उसके हॉस्पिटल जाने से पहले उसके घर पहुंचे, जहां उसने इंडोकेयर नाम से छोटा-सा क्लिनिक भी खोल रखा है। बोर्ड पर डॉ. रजिक खान लिखा है और डिग्री में फिजीशियन और सर्जन लिख रखा है लेकिन यहां हमारी मुलाकात उससे नहीं हुई। फिर हम बाईपास रोड स्थित अस्पताल पहुंचे, जहां डाॅ. रजिक खान मिला। रजिक ने खुद को इंडोकेयर अस्पताल और किरथुआ स्थित सांईनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल एंड नर्सिंग साइंस (नर्सिंग स्कूल इन करहल) का संचालक बताया। डॉ. रजिक खान का दावा- एक महीने में दिलवा देंगे डिग्री डॉ. रजिक खान से बातचीत की शुरुआत में ही हमने बताया कि हमें कोई बैकडेट की डिग्री दिला दो, ताकि हम मरीजों को दवा वगैरह दे सकें। बहुत जांच वगैरह हो रही है, जिस वजह से क्लिनिक चलाना मुश्किल हो गया है। इसके बाद डॉ. रजिक खान हमसे खुलने लगा… दलाल का दावा- ये ओरिजिनल डिग्री है दलाल डॉ. रजिक खान BEMS, BAMS, CMSED की डिग्री दे रहा है। दलाल ने CMSED की डिग्री के लिए 50 हजार रुपए, BAMS के 15 लाख, B Pharma के लिए फाइनल 2 लाख 20 हजार रुपए बताए। ये सभी डिग्री और डिप्लोमा 1 से 6 महीने में बनवा कर देने की बात की। उसने दावा किया कि ये डिग्रियां इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन चेक की जा सकती हैं। दलाल डॉ. रजिक खान ने बताया हमारा काम ओरिजिनल है। डॉ. रजिक ने समझाया असली डिग्री बनाने का शॉर्टकट तरीका रिपोर्टर: बैक डेट में डिग्री है तो क्या सेमेस्टर वाइज परीक्षा होगी? डॉ. रजिक खान: जब बैक में है तो काहे का सेमेस्टर? देखो फर्जी वो भी नहीं है, हम खुल कर बता रहे हैं। जो बच्चे छोड़ जाते हैं, जैसे कि किसी बच्चे का एक्सीडेंट हो गया। उसका एनरोल नंबर चढ़ा हुआ है, उसका एनरोल नंबर नहीं बदल सकते, उसका नाम और एड्रेस चेंज करवा सकते हो। ऐसे लीगल हैं, कोई कागज फर्जी नहीं है। फर्जी का मतलब होता है अलग से बन जाए। रिपोर्टर: भैया, बैक डेट में BEMS के कागज बनने में कितना समय लगेगा? डॉ. रजिक खान: मय डिग्री के कम से कम 6 महीना लगेगा। हमने डॉ. रजिक खान से कहा कि बड़े भाई से चर्चा कर आपको बताते हैं। इसके बाद हम वहां से निकल लिए। डॉ. रजिक खान ने हमें किरथुआ के कॉलेज के बारे में बताया था। उसकी हकीकत जानने हम करहल कस्बा से दो किमी दूर किरथुआ गांव पहुंचे। वहां पता चला कि ऐसा कोई कॉलेज नहीं है। हमारे इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि डॉ. रजिक खान खुद एक झोलाछाप डॉक्टर है, जोकि इसी तरह की फर्जी डिग्रियों के सहारे खुद को फिजीशियन और सर्जन बता रहा है। उसने खुद को किरथुआ स्थित सांईनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल एंड नर्सिंग साइंस (नर्सिंग स्कूल इन करहल) का संचालक बताया था, लेकिन ऐसा कोई नर्सिंग स्कूल नहीं है। ‘एक महीने में करा देंगे CMSED का डिप्लोमा, 38 हजार रुपए लगेंगे’ हमें डिग्रियों के दूसरे दलाल का नंबर लोकल सोर्सेस ने दिया। मैनपुरी बाईपास रोड पर दलाल सचिन दुकान में अपना इंस्टीट्यूट चलाता है। सचिन भी खुद को डॉक्टर बताता है। हम सचिन से मिलने बाईपास रोड गरिया चौराहा, करहल स्थित उसके राज पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट पहुंचे। यहां भी हमने अपने आपको झोलाछाप बताया और डॉक्टर की डिग्री लेने की बात की… रुपए दीजिए, 30 दिन में बना देंगे डॉक्टर मैनपुरी के बाद हमें पता चला कि आगरा में सहारा स्किल डेवलपमेंट कॉलेज में भी रुपए लेकर डिग्री बेची जा रही है। स्थानीय लोगों से सूचना की पुष्टि के बाद हमने कॉलेज में एडमिशन का काम देखने वाली रानी का नंबर लिया और कॉल करके उससे मिलने पहुंचे। हमने खुद को झोलाछाप डॉक्टर बताया। एक से डेढ़ हफ्ते की बातचीत के बाद उसने हमें आगरा मिलने बुला लिया। हम आगरा के सिकंदरा के पास बाईपुर फॉरेस्ट कॉलोनी पहुंचे। कॉलेज में सहारा कौशल विकास महाविद्यालय का बोर्ड लगा हुआ था। यहां पर हम BAMS की डिग्री और CMSED का डिप्लोमा लेने के लिए पहुंचे थे, लेकिन हमने यहां 5 और कोर्सों के बारे में बात की… रिपोर्टर: CMSED, BEMS और BAMS डिग्री दिलाएंगे, और क्या दिला सकते हैं? रानी: हां, ये बीएएमएस AM (अल्टरनेटिव मेडिसिन) वाली है। रिपोर्टर: मैडम, CMSED का पूरा कोर्स बैक डेट में मिल जाएगा? रानी: हां, 15,000 में। रिपोर्टर: कितने दिनों में कागज मिल जाएंगे? रानी: 30 दिन में मिल जाते हैं। आगरा में चल रहे फर्जीवाड़े को लेकर हमने सहारा कौशल विकास महाविद्यालय के प्रबंधक कुलदीप भूरा से बात करने की कोशिश की। हमारी बात उनके असिस्टेंट प्रदीप शर्मा से हुई। प्रदीप शर्मा ने बताया, रानी हमारे कॉलेज में पोस्टेड है। कुछ सर्टिफिकेट जैसे– EMT 30 से 45 दिनों में मिलते हैं। BEMS, BAMS जैसे कोर्स साढ़े 4 साल में पूरे होते हैं। हमारे यहां कोई भी डिग्री 30 दिनों में नहीं दी जाती है। अब जानिए, इन डिग्रियों के नियम क्या है? स्वास्थ्य विभाग के पूर्व सीएमओ डॉ. उमेशचंद्र त्रिपाठी के मुताबिक BAMS, BAMS (AM) और BEMS की डिग्री वाले अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा सकते हैं। इसलिए इन डिग्रियों की डिमांड सबसे ज्यादा है। BEMS को अभी प्रैक्टिस के लिए मान्यता नहीं मिली है। बाकी किसी कोर्स में नाम के आगे डॉक्टर नहीं लगा सकते हैं। ————————- भास्कर की ये इन्वेस्टिगेशन खबरें भी पढ़ें- यूपी के कॉलेजों में बिना परीक्षा पास होने की गारंटी:विधायक-पूर्व मंत्री के कॉलेज भी; घर बैठे 3 लाख में LLB कीजिए यूपी के प्राइवेट कॉलेजों में पैसे देकर कोई भी डिग्री खरीदी जा सकती है। इनमें ज्यादातर कॉलेज पॉवरफुल लोगों के हैं। जिनमें पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक और बिजनेसमैन शामिल हैं। यहां BSc, BA की परीक्षाएं और प्रैक्टिकल न देने के हर पेपर पर रेट फिक्स हैं। सामूहिक नकल कराकर 90% नंबरों से पास करने का दावा किया जा रहा। घर बैठे 3 लाख रुपए में LLB और 4.40 लाख में PhD करा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर यूपी में मंत्री-विधायक के रिश्तेदारों को बांटी नौकरियां:इनमें 55% ठाकुर, जांच करने आए अफसर के भतीजे की भी नौकरी लगी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी और पूर्व सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा… आप सोच रहे होंगे कि आखिर यूपी की सत्ता से जुड़े ये दो नाम क्यों लिए हैं? तो हम आपको बता दें कि यह सिर्फ दो नाम नहीं हैं, बल्कि इन जैसे सत्ता से जुड़े 10 ताकतवर लोगों के नाम निकलकर सामने आए हैं, जिनके बेटे-बेटियों को लखीमपुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में नियुक्तियां दीं। इतना ही नहीं बैंक में 27 नियुक्तियां की। इनमें 55% यानी 15 ठाकुर बिरादरी के हैं। केवल 2 एससी-एसटी को नौकरी दी, जबकि 6 को देना था। पढ़ें पूरी खबर
Source: देश | दैनिक भास्कर
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