मांझी बोले- 20 सीटें नहीं मिलीं तो 100 पर लड़ेंगे:पार्टी की मान्यता के लिए 8 सीटें जरूरी, 20 पर लड़ेंगे तभी तो उतनी जीत पाएंगे
केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संरक्षक जीतनराम मांझी ने NDA की टेंशन बढ़ा दी है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- ’15 से 20 सीटें हमें नहीं मिली तो 100 पर लड़ेंगे।’ जीतनराम मांझी ने कहा, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) का लक्ष्य है कि 2025 में हमें मान्यता प्राप्त पार्टी बनना है। इसके लिए जरूरी है कि विधानसभा में 8 सीटें जीते या फिर हमारा वोट 6 प्रतिशत हो। इसके लिए हम 15 सीटों की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सीटें नहीं मिलती हैं तो 100 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे। केंद्रीय मंत्री ने रविवार को बोधगया में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये बयान दिया है। रविवार को भास्कर के सवाल पर मांझी ने कहा- ‘हमारे पास 2 विकल्प हैं। हमें विश्वास है कि NDA हमारी मांग मानेगी। वो भी चाहेंगे की गठबंधन मजबूत हो।’ ‘दूसरा विकल्प हमारे पास है कि हम 100 सीटों पर लड़ें और 8 से ज्यादा सीटें जीतें ताकि हमारी पार्टी को मान्यता मिल जाए। 6% वोट हमारे लिए जरूरी है।’ पार्टी को मान्यता दिलाने के लिए 15-20 सीटों पर लड़ना जरूरी केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बार हमारा लक्ष्य है कि किसी भी हाल में पार्टी को मान्यता प्राप्त दल बनना है। इसके लिए जरूरी है कि पार्टी को कम से कम आठ सीटों पर जीत मिले और कुल मतों का छह प्रतिशत वोट मिले। मांझी ने कहा, ये व्यावहारिक तौर पर तभी संभव है जब हमें एनडीए गठबंधन में 15 से 20 सीटें दी जाएं, क्योंकि सभी सीटों पर जीत संभव नहीं होती। सम्मानजनक सीट नहीं मिली तो अकेले लड़ेंगे जीतनराम मांझी ने साफ चेतावनी भी दी कि अगर उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें नहीं दी गईं तो हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा अकेले ही मैदान में उतरेगी और सौ सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने दावा किया कि हर विधानसभा क्षेत्र में उनके 10–15 हजार वोटर मौजूद हैं और इस आधार पर वे चुनाव में अकेले भी 6% वोट हासिल कर सकते हैं। 2 सितंबर को 40 सीटों की डिमांड की थी जीतनराम मांझी ने 2 सितंबर को हिंदुस्तान आवाम मोर्चा की समर्थन सभा को संबोधित करते हुए कहा था- ‘एनडीए की बैठक में हम 30 से 40 सीटों का दावा करेंगे ताकि हमारी पार्टी के कम से कम 20 विधायक भी विधानसभा पहुंच सके। ऐसा होता है तो हम मजबूती के साथ सरकार पर दवाब बनाकर भूमिहीनों को भूमि दिलाने, इंदिरा आवास का पैसा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करवाने का काम करेंगे।’ उन्होंने बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि ‘हमारी पार्टी गरीबों को टिकट देती है। कई नेता पैसा लेकर लोगों को टिकट देते हैं। बाद में फिर किसी और के साथ हो जाते हैं। बिहार में महादलित समाज का 50 प्रतिशत वोटर है। लेकिन हमारे समाज का लोग पूरा वोट नहीं कर सके, इसके लिए गांव से दूर बूथ बनाया जाता है।’ ‘जिस गांव में महादलित समाज का 500 वोटर होना चाहिए, उस गांव में मात्र 50 वोटर ही देखने को मिलता है। ये सब मिनीमाइज कर देता है। अपने समाज के विकास के लिए ही चिन्हित उम्मीदवार को वोट करिए। उन्होंने ब्राह्मणवाद का जमकर विरोध किया।’ पिछली बार HAM 7 सीट पर लड़ी 4 जीतीं हम पार्टी ने 2020 का चुनाव एनडीए गठबंधन में लड़ा था। बीजेपी ने अपने कोटे की 7 सीटें हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को दी थीं, जिसमें से 4 सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी। सूत्रों की माने तो NDA में सीट शेयरिंग लगभग फाइनल है। और इसके मुताबिक, हम के खाते में 10 सीटें आ रही हैं। शेयरिंग का फॉमूला तय है, जिसमें जनता दल यूनाइटेड (JDU) 102 और भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) यानी LJP (R) को 20, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) और उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को 10-10 सीटें मिली हैं। फिलहाल सीटों के बंटवारे को लेकर आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। RJD बोली- NDA के दल सत्ता-स्वार्थ से एक साथ हैं राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, ‘बीजेपी यह समझ चुकी है कि मांझी जैसे नेता विचारधारा से नहीं, बल्कि केवल सत्ता के लालच में उनके साथ हैं।’ एजाज अहमद ने तंज कसते हुए कहा, ‘कभी मांझी 20 सीटों की मांग करते हैं और फिर कहते हैं कि यह कार्यकर्ताओं की भावना के लिए कहा गया था। लेकिन जैसे ही भाजपा और जेडीयू इन्हें यह एहसास कराते हैं कि उनके पिता और पुत्र को मंत्री पद पर रहना है या नहीं, मांझी तुरंत अपने बयान से पलट जाते हैं।’ ‘जनता यह भलीभांति समझ रही है कि NDA के जो भी दल या नेता हैं, वे केवल सत्ता और स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं, जनता के मुद्दों से उनका कोई सरोकार नहीं है।’ ———————— इसे भी पढ़िए…. तेजस्वी का पोस्ट-जुमलों की बारिश करने कल पूर्णिया आएंगे PM:आनंद मोहन बोले- सिंहासन पर कौन बैठेगा ये ‘भूरा बाल’ तय करेगा; महागठंबधन में सशर्त CM फेस बिहार में चुनाव है, ऐसे में नेताओं के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई। पूर्व सांसद आनंद मोहन का कहना है कि चुनाव में ‘भूरा बाल’ वाले निर्णय करेंगे कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। वहीं, चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव काफी एक्टिव हैं। शनिवार देर रात उन्होंने पूर्णिया GMCH का निरीक्षण किया। पूरी खबर पढ़ें।
Source: देश | दैनिक भास्कर
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