महाराष्ट्र के गरबा में लोगों पर गौमूत्र छिड़कने का फरमान:विहिप बोला- आयोजनों में एंट्री से पहले तिलक लगाकर हिंदू देवता की पूजा करनी होगी

महाराष्ट्र में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने नवरात्रि के दौरान गरबा आयोजनों को लेकर शनिवार को एक एडवाइजरी जारी की। इसमें कहा गया है कि राज्य में गरबा कार्यक्रमों में सिर्फ हिंदुओं को जाने की इजाजत होगी। आयोजकों से एंट्री गेट पर आधार कार्ड की जांच करने की सिफारिश की गई है। विहिप ने कहा- गरबा आयोजनों में सिर्फ हिंदुओं को ही एंट्री मिलनी चाहिए। गैर-हिंदू इनमें भाग न लें, इसके लिए लोगों को अंदर जाने से पहले तिलक लगाना होगा, हाथों पर रक्षा सूत्र बांधना होगा और किसी हिंदू देवता की पूजा करनी होगी। विहिप ने गरबा आयोजकों से कहा- नवरात्रि सिर्फ मौज-मस्ती का त्योहार नहीं है। यह एक धार्मिक आयोजन है जहां भक्त देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। इसलिए, गैर-हिंदू गरबा-डांडिया कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने चाहिए। बता दें कि इस साल नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक चलेगा। विहिप बोला- गरबा देवी को प्रसन्न करने की एक पूजा पद्धति
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने समाचार एजेंसी PTI से कहा- गरबा सिर्फ एक नृत्य नहीं, बल्कि देवी को प्रसन्न करने की एक पूजा पद्धति है। इसलिए केवल उन्हीं लोगों को इसमें भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए जो इन अनुष्ठानों में आस्था रखते हैं। नायर ने कहा कि यह सब इसलिए जरूरी है ताकि इन आयोजनों में सिर्फ हिंदू ही शामिल हों और लव जिहाद का कोई मामला न हो। कुछ दक्षिणपंथी संगठन इसका इस्तेमाल मुस्लिम पुरुषों के जरिए हिंदू लड़कियों और महिलाओं के धर्मांतरण के प्रयास का आरोप लगाने के लिए करते हैं। महाराष्ट्र के मंत्री बोले- आयोजकों को फैसला करने का अधिकार
महाराष्ट्र में एक तरफ जहां विपक्ष ने विहिप और संघ पर ऐसे फरमान जारी करके समाज में फूट डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया है, वहीं महाराष्ट्र के मंत्री और सीनियर भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि आयोजक तय कर सकते हैं कि ऐसे आयोजनों में कौन शामिल होगा। बावनकुले ने कहा- हर आयोजन समिति कुछ नियम तय करती है और उन्हें ऐसा करने का अधिकार है। जब तक उनके पास आयोजन के लिए पुलिस की अनुमति है, तब तक कोई समस्या नहीं है। महाराष्ट्र भाजपा के मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने कहा कि गरबा एक हिंदू आयोजन है और अन्य धर्मों के लोगों को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। विपक्ष ने कहा- सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही
हालांकि, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि देश में सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। राउत ने कहा- सांप्रदायिक माहौल बनाना उनकी रोजी-रोटी है। मैं सभी धर्मों के लिए समान सम्मान की बात नहीं कर रहा, लेकिन जिस तरह से यह जहर फैलाया जा रहा है, वह महाराष्ट्र या देश को शोभा नहीं देता। कांग्रेस ने और भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि भाजपा से जुड़े संगठन सत्ता हासिल करने या सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य के पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा- वे (विहिप) समाज में आग लगाना चाहते हैं। वे धर्म के नाम पर समाज को बांटना चाहते हैं और इससे राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। ……………………….. यह खबर भी पढ़ें… सुप्रीम कोर्ट बोला-मैसूर दशहरा सरकारी आयोजन, लोगों में फर्क क्यों; कितनी बार कहें मामला खारिज सुप्रीम कोर्ट ने 19 सितंबर को मैसूर चामुंडी मंदिर में दशहरा उत्सव के उद्घाटन में बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को आमंत्रित करने के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। कार्यक्रम 22 सितंबर को होगा। पूरी खबर पढ़ें…

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Source: देश | दैनिक भास्कर