दिल्ली हाईकोर्ट बोला-व्यभिचार अब क्राइम नहीं, लेकिन इसके नतीजे खतरनाक:कहा- जिसकी शादी टूटी, वह पति या पत्नी के प्रेमी से हर्जाना मांग सकता है

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कोई पति या पत्नी अपने साथी के प्रेमी पर मुकदमा कर सकता है, और अपनी शादी तोड़ने, प्रेम को नुकसान पहुंचाने के लिए आर्थिक मुआवजे की मांग भी कर सकता है। महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव ने कहा कि भले ही व्यभिचार अब अपराध नहीं है, फिर भी इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं। 15 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि विवाह की पवित्रता से व्यक्ति कुछ अपेक्षाएं रख सकते हैं। हालांकि निजी स्वतंत्रता का इस्तेमाल करना अपराध नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि व्यभिचार या एडल्टरी को अपराध के तौर पर सजा नहीं दी जा सकती, लेकिन ऐसा करना जीवन और अधिकारों के लिए खतरनाक हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया सुनवाई के दौरान बेंच ने जोसेफ शाइन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र किया। जिसमें कोर्ट ने व्यभिचार को अपराध से मुक्त कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के लिए लाइसेंस घोषित नहीं किया था। अगर मौजूदा मामला आगे बढ़ता है तो यह स्नेह के अलगाव के दावों को लागू करवाने वाला पहला मामला बन सकता है।

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Source: देश | दैनिक भास्कर