हिमाचल में अनियंत्रित विकास पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला:देश के नक्शे से गायब होने की टिप्पणी कर चुकी अदालत, SC ने स्वत: संज्ञान लिया

हिमाचल प्रदेश समेत पूरे हिमालय क्षेत्र के पर्यावरण से जुड़ी जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (SC) का आज महत्वपूर्ण फैसला आ सकता है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने पिछली सुनवाई में कहा था- सिर्फ हिमाचल प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे हिमालयी क्षेत्र पर प्राकृतिक आपदाओं का संकट मंडरा रहा है। इस साल इन आपदाओं का असर काफी हिंसक रहा है। इससे पहले, एमएस प्रिस्टीन होटल्स एंड रिजॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान 1 अगस्त 2025 को जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा था- यदि हिमाचल में निर्माण कार्य और विकास योजनाएं इसी तरह बिना वैज्ञानिक दृष्टिकोण के चलती रहीं तो वह दिन दूर नहीं जब हिमाचल देश के नक्शे से गायब हो जाएगा। भगवान करें कि ऐसा न हो। बेंच ने प्रिस्टीन होटल्स एंड रिजॉर्ट्स प्राइवेट की याचिका को खारिज करते हुए हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण विनाश से जुड़े इस केस को जनहित याचिका माना। राज्य सरकार की रिपोर्ट की समीक्षा की
15 सितंबर 2025 को यह केस जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सुना। इसमें राज्य सरकार की ओर से दायर रिपोर्ट की समीक्षा की गई। इसके बाद डबल बेंच ने 23 सितंबर को अपना आदेश सुनाने की बात कही। राज्य सरकार ने ग्लेशियरों की संख्या में कमी की बात स्वीकारी
राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी कि पर्यावरण को विनाश से बचाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए। सरकार ने माना कि हिमाचल प्रदेश में ग्लेशियरों की संख्या में कमी आई है, जो जलवायु परिवर्तन का एक स्पष्ट संकेत है। रिपोर्ट में बताया- राज्य में बादल फटने, अचानक बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं में इजाफा हुआ है। हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स शायद राज्य में विनाश का मुख्य कारण नहीं हैं। कैसे सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
दरअसल, एमएस प्रिस्टीन होटल्स एंड रिजॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शिमला के साथ तारादेवी मंदिर के पास होटल बनाना चाहता है, लेकिन हिमाचल सरकार ने लगभग 4 महीने पहले ही तारादेवी के जंगल को ग्रीन एरिया (हरित क्षेत्र) नोटिफाई किया। ग्रीन एरिया में किसी को भी निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती। इससे प्रिस्टीन होटल्स एंड रिजॉर्ट्स का होटल बनाने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा। इसके बाद, प्रिस्टीन होटल्स एंड रिजॉर्ट्स ने राज्य सरकार की नोटिफिकेशन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने 28 जुलाई को प्रिस्टीन होटल्स एंड रिजॉर्ट्स की याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद से यह मामला जनहित याचिका के तौर पर सुना जा रहा है। शिमला में 17 ग्रीन एरिया नोटिफाई
हिमाचल सरकार ने शिमला शहर व उप नगरों के 17 जंगलों को ग्रीन एरिया नोटिफाई कर रखा है। ग्रीन एरिया में निर्माण कार्य पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसका मकसद भी जंगलों को बचाना है। शिमला के ग्रीन एरिया में कई लोगों ने पहले ही जमीन खरीद रखी है, लेकिन उन्हें भी ग्रीन एरिया में निर्माण की इजाजत नहीं मिल रही है।

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Source: देश | दैनिक भास्कर