सोनम वांगचुक के समर्थन में जोधपुर-जेल के बाहर पहुंचा युवक:बोला- लेह-लद्दाख के सभी नागरिक देशभक्त; पुलिस ने डिटेन किया

लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार को अरेस्ट कर जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। इसके बाद शनिवार सुबह सोनम वांगचुक के समर्थन में एक व्यक्ति तिरंगा लिए जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर पहुंच गया। भारत माता की जय के नारे लगाने लगा। इस व्यक्ति ने अपना नाम विजयपाल बताया। जो चूरू जिले के सुजानगढ़ का रहने वाला है। विजयपाल ने कहा- सोनम वांगचुक देशभक्त है। लेह लद्दाख के सभी नागरिक देशभक्त है। इन लोगों ने ही कारगिल की घुसपैठ के बारे में भारतीय सेना को सूचना दी थी। विजयपाल ने बताया कि जब उसे यह सूचना पता चली कि वांगचुक को जोधपुर लाया गया है। सुबह उठकर साइकिल से सुजानगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचा। वहां से ट्रेन पकड़कर जोधपुर आया। युवक के जेल के बाहर पहुंचने की सूचना पर रातानाडा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। विजयपाल ने कहा कि मुझे डिटेन किया गया तो वह भूख हड़ताल करूंगा।परिवार वाला साधारण आदमी हूं। पुलिस ने कहा- बातचीत करना चाहती है। विजयपाल ने कहा कि वह पैदल ही उनके साथ चलने को तैयार है। इसके बाद पुलिस उसे गाड़ी में बैठाकर ले गई। उसे डिटेन कर लिया। रातानाडा थानाधिकारी दिनेश लखावत ने बताया कि विजयपाल को डिटेन किया गया है। वह खुद को साधारण आदमी बता रहा है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। शुक्रवार रात सोनम वांगचुक को जोधपुर जेल लाया गया था बता दें कि शुक्रवार को सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक जोधपुर जेल में लाया गया है। शनिवार रात करीब 8:30 बजे एक के बाद एक पुलिस और सेना की गाड़ियां लाल फाटक से जेल परिसर में दाखिल हुई थीं। यहां सेंट्रल जेल के मुख्य गेट पर लाने के बाद जेल प्रशासन से पहले औपचारिकताएं पूरी की गई थी। इसके बाद वांगचुक को जेल में एक अलग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। ​​​​ 24 सितंबर को हिंसक हो गया था आंदोलन दरअसल, लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और 6वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह में 10 सितंबर से भूख हड़ताल और अनशन चल रहा था। 24 सितंबर को ये आंदोलन पहली बार हिंसक हो गया। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 45 लोग घायल हुए। प्रदर्शन का चेहरा रहे सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने कहा था- अगर सरकार हमारी बातें अनसुनी करती रहेगी तो बदकिस्मती से ऐसा आगे भी हो सकता है। प्रदर्शन और हिंसा के बाद लेह में कर्फ्यू प्रदर्शन में मारे गए लोगों की पहचान त्सेवांग थारचिन (46 साल), स्टानजिन नामग्याल (24 साल), जिगमेत दोरजय (25 साल) और रिनचेन ददुल (21 साल) के रूप में हुई थी। शव परिवारों को सौंप दिए गए थे। हिंसा के दौरान 45 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। लद्दाख DGP एसडी सिंह जमवाल ने बताया- 15 लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि 30 को मामूली चोटें आई हैं। इसमें प्रदर्शनकारी, पुलिसकर्मी और पैरामिलिट्री जवान शामिल हैं। लेह में अभी BNS की धारा 162 के तहत कर्फ्यू लगाया गया है। सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है। वांगचुक के NGO के अकाउंट्स की जांच हो रही CBI ने वांगचुक की NGO हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के खिलाफ विदेशी फंडिंग मामले में जांच शुरू कर दी है। सरकार ने उनके NGO की विदेशी फंडिंग का लाइसेंस रद्द कर दिया है। उनके NGO HIAL और स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) पर विदेशी चंदा कानून (FCRA) के उल्लंघन का आरोप है। CBI की टीमें लद्दाख में डेरा डाले हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल कोई FIR दर्ज नहीं की गई है। CBI की टीम NGO के अकाउंट्स और रिकॉर्ड की जांच कर रही है। मामले में वांगचुक ने कहा कि करीब 10 दिन पहले CBI की टीम गृह मंत्रालय का आदेश लेकर उनके पास आई थी। इसमें कहा गया था कि उनकी दोनों संस्थाओं ने विदेशी चंदा लेने के लिए जरूरी मंजूरी नहीं ली। इस पर सोनम का कहना है कि उनकी संस्थाएं विदेशी चंदे पर निर्भर नहीं हैं। दोनों संस्थाएं जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा देती हैं। HIAL में तो छात्रों को प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए स्टाइपेंड भी दिया जाता है। ये भी पढ़ें… सोनम वांगचुक जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट:लद्दाख से कड़ी सुरक्षा में लाए गए; सरकार ने लेह में हुई हिंसा का जिम्मेदार माना था लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार को अरेस्ट कर लिया गया। उन्हें लद्दाख से कड़ी सुरक्षा में जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को लेह से गिरफ्तारी के बाद सिक्योरिटी एजेंसियां वांगचुक को पहले दिल्ली ले गईं। वहां से विशेष व्यवस्था के तहत जोधपुर लाया गया। जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन से कड़ी सुरक्षा में उन्हें सीधे सेंट्रल जेल पहुंचाया गया। (पूरी खबर पढ़ें)

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