सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग तेज:अभी जोधपुर जेल में बंद; लेह अपेक्स बॉडी बोली- लद्दाख के हालात सुधरने तक केंद्र से बात नहीं

लद्दाख को राज्य का दर्जा और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत अन्य गिरफ्तार युवाओं की रिहाई की मांग तेज हो गई है। करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ ही लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) ने कहा है कि लद्दाख में हालात सामान्य होने तक केंद्र की उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी से बात नहीं करेंगे। एलएबी के चेयरमैन थुपस्तान छेवांग ने कहा कि लद्दाख में भय, दुख और गुस्से का माहौल है। जब तक शांति बहाल नहीं होती, हम बातचीत से दूर रहेंगे। 24 सितंबर को एलएबी द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान लेह में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। 50 लोगों को दंगा फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया। आंदोलन का चेहरा बने वांगचुक को एनएसए में गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया है। केंद्र ने 20 सितंबर को एलएबी और केडीए को वार्ता के लिए बुलाया था। गृह मंत्रालय बोला- एलएबी-केडीए से बातचीत को तैयार केंद्र केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र लद्दाख से जुड़े मामलों पर एलएबी और केडीए से किसी भी समय संवाद को तैयार है। गृह मंत्रालय ने भरोसा जताया कि बातचीत से सकारात्मक नतीजे मिलेंगे। एलएबी ने झड़पों और गिरफ्तारियों के विरोध में 6 अक्टूबर तक बातचीत से दूरी बनाई है और न्यायिक जांच और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग की है। लेह में कर्फ्यू में 2 घंटे की ढील लेह में शांति बनी रही और सोमवार शाम 4 बजे केवल दो घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई। हालांकि यहां आने वाले पर्यटक फंसे हुए हैं, अपने होटलों तक ही सीमित हैं और घूमने-फिरने या दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने में असमर्थ हैं। कई लोग बंद बाजारों और निलंबित मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के कारण परेशान हैं। हिंसा में मारे गए लोगों अंतिम संस्कार हुआ 24 सितंबर की हिंसा में 3 युवा और 46 वर्षीय एक पूर्व सैनिक सेवांग थार्चिंग मारे गए। चार में से दो जिग्मेट दोरजय और स्टांजिन नामज्ञाल का अंतिम संस्कार रविवार को हुआ। लोकल और राष्ट्रीय मीडिया भी इसमें शामिल होना चाहता था, लेकिन जिग्मेट के घर से 200 मी. पहले ही पुलिस ने रोककर कहा- इजाजत नहीं है। वांगचुक के अलावा 4 और गिरफ्तार लद्दाख बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद शफी लासू ने बताया कि कांग्रेस पार्षद समनला दोरजे नुर्बो और फुत्सोग स्टैंजिन त्सेपक, लद्दाख बौद्ध संघ के उपाध्यक्ष साविन रिगजिन और गांव के नंबरदार रिगजिन दोरजे को पुलिस हिरासत में भेजा गया है। बाकी अन्य आरोपियों, जिनमें लेह एपेक्स बॉडी और लद्दाख बौद्ध संघ के युवा नेता और छात्र शामिल हैं, को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

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