यौन शोषण मामले में फरार यमुनानगर CMO की मौत:लेडी डॉक्टर को कहा था-संबंध बनाने हैं, अग्रिम जमानत नहीं मिली; फार्म हाउस में रह रहे थे

हरियाणा के यमुनानगर के सिविल सर्जन (CMO) डॉ. मंजीत सिंह की मौत हो गई है। वे 53 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि उन्हें कुरुक्षेत्र में फार्म हाउस पर हार्टअटैक आया। मंजीत सिंह पर यमुनानगर की 25 वर्षीय लेडी डॉक्टर ने यौन शोषण और एससी-एसटी एक्ट में 20 सितंबर को केस दर्ज कराया था। आरोप था कि सीएमओ ने फोन करके संबंध बनाने का दबाव बनाया। लेडी डॉक्टर ने कॉल रिकॉर्ड कर ली थी, जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया। इसके बाद से सीएमओ पुलिस से बचते फिर रहे थे। लोकल कोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई थी। कॉल रिकॉर्डिंग सुनने के बाद कोर्ट ने कहा था कि ये बहुत ही आपत्तिजनक और अश्लील शब्द कहे। लोकल कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अब सीएमओ हाईकोर्ट जाने की तैयारी में थे। बताया जा रहा है कि वे कुरुक्षेत्र जिले के झांस के शांतिनगर कुरड़ी में फार्म हाउस में थे। रविवार रात को सही सलामत सोए थे। इसी बीच तबीयत बिगड़ी। कुरुक्षेत्र सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि की। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए रखा गया है। यहां जानिए ऑडियो में CMO ने लेडी डॉक्टर को क्या कहा था…. यहां पढ़िए पीड़िता ने CMO पर क्या आरोप लगाए थे… कुरुक्षेत्र सीएमओ बोले- ये कार्डियक अरेस्ट का मामला लग रहा
कुरुक्षेत्र के CMO डॉ. सुखबीर सिंह ने बताया कि मुझे अस्पताल से सूचना आई थी, कि डॉ. मंजीत जो यमुनानगर के सीएमओ हैं, उनकी डेड बॉडी आई है। डॉक्टर ने प्राइमा फेसिया बताया कि ये कार्डियक अरेस्ट लग रहा है। बाकी अभी पुलिस कार्रवाई के बाद पोस्टमॉर्टम होगा। मौत के सही कारण तभी पता चल पाएंगे। कार्डियक अरेस्ट यानी अचानक दिल धड़कना बंद कर देता है
CMO के मुताबिक, कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) एक आपातकालीन चिकित्सा स्थिति है, जिसमें हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है। इसका मतलब यह है कि हृदय शरीर को रक्त पंप करना बंद कर देता है, जिससे मस्तिष्क, फेफड़े और अन्य अंगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। अगर तुरंत इलाज न मिले, तो व्यक्ति कुछ ही मिनटों में बेहोश हो सकता है और मृत्यु हो सकती है। CMO पद को लेकर भी विवादों में आए थे डॉ. मंजीत सिंह… विवाद के बाद महिला सीएमओ का हुआ था ट्रांसफर : यमुनानगर में CMO पद पर पोस्टिंग को लेकर खूब विवाद चला था। डॉ. मंजीत सिंह और डॉ. पूनम चौधरी के बीच विवाद इस साल शुरू हुआ था। 20 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने अंबाला से डॉ. चौधरी को यमुनानगर का सीएमओ लगाया था। डॉ. मंजीत का करनाल बायो-लेबोरेट्री में ट्रांसफर किया था। इस ट्रांसफर के करीब एक सप्ताह बाद ही डाॅ. चौधरी को करनाल ट्रांसफर कर डॉ. मनजीत को यमुनानगर सीएमओ का एडिशनल प्रभार सौंपा गया था। हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला : इस ट्रांसफर को डॉ. पूनम चौधरी ने नियमों के खिलाफ बताते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की ओर रुख किया था। सिंगल बैंच ने ट्रांसफर के ऑर्डर पर स्टे कर दिया था। मगर,जब वह यमुनानगर सीएमओ का पदभार संभालने के लिए आईं तो डॉ. मनजीत ने उन्हें चार्ज नहीं सौंपा था। डीसी को करना पड़ा था हस्तक्षेप : तब इस मामले में यमुनानगर डीसी पार्थ गुप्ता को हस्तक्षेप करना पड़ा था। इसके बाद डॉ. पूनम ने सीएमओ का पदभार संभाला था। हालांकि कोर्ट की डबल बैंच ने ट्रांसफर से स्टे ऑर्डर खत्म कर दिया और डाॅ. पूनम पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। इसके बाद डॉ. पूनम काे फिर से यमुनानगर सीएमओ की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी और 30 मई को डॉ. मंजीत ने दोबारा यमुनानगर सीएमओ का पदभार संभाल लिया था। —————————– साढ़े 3 मिनट की कॉल रिकॉर्डिंग से फंसा यमुनानगर CMO:लेडी डॉक्टर को कहा-तैयार हो जाओ, संबंध बनाना चाहता हूं; कोर्ट ने कहा-ये अत्यंत अश्लील भाषा हरियाणा के यमुनानगर में सिविल सर्जन (CMO) डॉ. मंजीत सिंह को 3 मिनट 26 सेकेंड की कॉल रिकॉर्डिंग ने कानूनी शिकंजे में फंसा दिया है। यह मोबाइल कॉल CMO ने हेल्थ डिपार्टमेंट के तहत प्रोजेक्ट में लगी लेडी डॉक्टर को की थी। लेडी डॉक्टर की ओर से यह कॉल रिकॉर्डिंग पेनड्राइव में कोर्ट के समक्ष पेश की गई। (पूरी खबर पढ़ें)

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