बॉयफ्रेंड की हत्या कराने वाली महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़े से निष्कासित:प्रयागराज में महंत रवींद्र पुरी बोले- बेटे की हत्या करना बड़ा अपराध
प्रयागराज के श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी ने महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा- अखाड़े से जुड़ी किसी महिला साध्वी का कृत्य सनातन परंपरा के खिलाफ है। वह ‘माता’ कहलाती हैं, और यदि मां ही पुत्र की हत्या करा दे तो इससे बड़ा पाप कोई नहीं हो सकता। उन्होंने कहा- अब दूसरे महामंडलेश्वर और संतों की कार्यप्रणाली की भी जांच की जा रही है। जो संत अखाड़े की मर्यादा और नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। वहीं, बेहतर कार्य करने वाले संतों को प्रमोशन देने की भी योजना है। महामंडलेश्वर पूजा शकुन पांडेय पर टीवीसी शोरूम मालिक अभिषेक गुप्ता की हत्या कराने का आरोप है। तीन लाख में पूजा ने अभिषेक की शूटर्स से हत्या कराई। पूजा और अभिषेक के बीच अफेयर था। अभिषेक ने दूरी बनाई तो पूजा बौखला गई थी। अब विस्तार से पढ़िए… अखाड़े से जुड़े हर संत का उद्देश्य समाज को दिशा देना महंत रविंद्र पुरी ने कहा- अन्नपूर्णा भारती महाकुंभ के दौरान अपने साथ बच्चों को लाती थीं और सभी से कहती थीं कि यह मेरा बेटा है। लेकिन अब उन्हीं पर इसी बच्चे की हत्या का आरोप लगना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा- अखाड़े से जुड़े हर संत का उद्देश्य समाज को दिशा देना होता है, न कि अधर्म और हिंसा में लिप्त होना। अखाड़े के अध्यक्ष ने कहा- हमारा लक्ष्य शारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से सनातन धर्म का उत्थान करना है। अखाड़े के किसी भी पदाधिकारी का आपराधिक कृत्य में लिप्त होना अस्वीकार्य है। अब पढ़िए कौन है महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती?
पूजा खुद को निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर बताती है। 2017 में संन्यास की घोषणा की। गुजरात में दीक्षा ली और पूजा शकुन पांडेय से महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती बनी। डासना पीठ के महंत यति नरसिंहानंद को अपना गुरु बताती है। पुलिस के मुताबिक, पूजा गुप्ता के पिता प्रोफेसर आरआर आजाद मूलरूप से हाथरस के गांव कचौरा के रहने वाले थे। पूजा के पिता सहारनपुर के जेवी जैन कॉलेज में प्रिंसिपल के पद पर रह चुके हैं। ग्रेजुएशन करने के बाद पूजा ने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से गणित में पीएचडी की। यहां उसकी मुलाकात मैनपुरी के रहने वाले अशोक पांडेय से हुई। अशोक उस समय छात्र राजनीति में सक्रिय था। दोनों ने 2008 में घर से भागकर लव मैरिज कर ली थी। पूजा ने अपना नाम बदला और पूजा शकुन पांडेय हो गई। शादी के बाद अशोक और पूजा गाजियाबाद आ गए। यहां पर पूजा एक प्राइवेट कॉलेज में गणित की प्रोफेसर बन गई। लव जिहाद के चक्कर में छात्रा ने आत्महत्या की, तो पूजा ने जॉब छोड़ी
2012 में कॉलेज की एक लड़की लव जिहाद में फंस गई। उसका गैर समुदाय के युवक से अफेयर था। प्यार में धोखा मिला, तो सुसाइड कर लिया। घटना के बाद पूजा ने नौकरी छोड़ दी। परिवार ने विरोध किया, लेकिन वह पीछे नहीं हटी। पूजा ने हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने का ऐलान किया। उसने अपने पिता के नाम एक NGO बनाया। एनजीओ का नाम अहसास (आजाद हिंद सामाजिक कल्याण समिति) रखा था। पति अशोक पांडेय को प्रमोटर बनाया था। 1 साल बाद ही पूजा ने हिंदू महासभा जॉइन कर ली। इसके बाद वह पति के साथ अलीगढ़ आ गई। लोगों को हिंदुत्व की विचारधारा से जुड़ने की मुहिम छेड़ी। अलीगढ़ के गांधीपार्क क्षेत्र के बी. दास कंपाउंड में पूजा ने अपने पिता के नाम पर मकान बनाया। 2017 में पूजा ने लिया संन्यास
हिंदुत्व की विचारधारा से जुड़ने के बाद पूजा ने 2017 में संन्यास की घोषणा कर दी। पूजा ने अपने पति अशोक पांडेय से औपचारिक रूप से तलाक लिया। फिर वह गुजरात के द्वारिकाधीश मंदिर पहुंची। जहां से साध्वी बनने की दीक्षा ली। हालांकि, तलाक के बावजूद पूजा और अशोक साथ रहते थे। इसके बाद पूजा शकुन पांडेय ने शरिया कानून की तर्ज पर 15 अगस्त, 2018 को हिंदू अदालत बनाई। पूजा ने इसे सनातन हिंदू न्यायपीठ का नाम दिया। पूजा खुद ही इसकी मुख्य न्यायधीश बनी। उस समय उसने दीवानी से जुड़े कई मामले सुने और फैसले दिए थे। लोगों ने पूजा की बात भी मानी थी। 2019 में मारी थी महात्मा गांधी के पुतले को गोली
2019 से पूजा अपने नाम के आगे महामंडलेश्वर लिखने लगी। फिर वह डॉ. अन्नपूर्णा भारती बन गई। इसके बाद 2 अक्टूबर, 2019 में एक कार्यक्रम के दौरान पूजा ने एक पुतले पर महात्मा गांधी की फोटो लगाई। फिर एयर गन से महात्मा गांधी के पुतले को गोली मारी। फोटो में गुब्बारे लगे थे। गोली लगते ही उसमें से खून निकलने लगा। घटना के फोटो-वीडियो वायरल होने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमे में अभिषेक गुप्ता का भी नाम था। इसमें अभिषेक, पूजा और उसके पति अशोक को जेल जाना पड़ा था। हालांकि, कुछ दिन बाद पूजा जमानत पर रिहा हो गई। वह डासना पीठ के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद के पास पहुंची। फिर वह यति के संरक्षण में आ गई। यति ने ही इस मामले में पूजा की मदद की थी। इसके बाद पूजा उन्हें अपना गुरु मानने लगी। पूजा ने यति नरसिंहानंद के साथ कई धर्म सभाएं कीं। अब पढ़िए 26 सितंबर को अभिषेक की हत्या कैसे हुई थी? अभिषेक गुप्ता (25) हाथरस के सिकंदराराऊ के गांव कचौरा के रहने वाले थे। उन्होंने 25 अगस्त को अलीगढ़ के खैर में टीवीएस बाइक का शोरूम खोला था। उनके पिता नीरज गुप्ता आढ़त का काम करते थे। शुक्रवार, 26 सितंबर को अभिषेक के पिता नीरज और चचेरा भाई जीतू अलीगढ़ आए थे। रात में शोरूम बंद करने के बाद तीनों अपने गांव के लिए निकले। खैर से वह रात करीब 9.30 बजे खेरेश्वर मंदिर चौराहे पहुंचे। यहां से हाथरस की बस में बैठ रहे थे। पिता नीरज और भाई जीतू बस में चढ़ गए थे। अभिषेक बस में चढ़ ही रहे थे कि पीछे से बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पिता की शिकायत पर पुलिस ने महामंडलेश्वर के पति को हिरासत में लिया और जेल भेज दिया। 1 अक्टूबर को पुलिस ने हत्या मामले में गोंडा रोड नींवरी निवासी मोहम्मद फजल को अरेस्ट किया। पूछताछ में उसने बताया- लगभग डेढ़ महीने पहले उसकी कथित महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय और उसके पति अशोक पांडेय से मुलाकात हुई थी। दोनों ने अभिषेक की फोटो दिखाकर उसे खत्म करने की बात कही थी। मैंने अपने गांव के ही आसिफ को मामले में शामिल किया। सौदा 3 लाख रुपए में तय हुआ। अशोक ने हम लोगों को एडवांस के तौर पर 1 लाख रुपए दिए थे। इसके बाद हम लोगों ने तमंचे से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने शुक्रवार (3 अक्टूबर) को अभिषेक को गोली मारने वाले आसिफ को दिल्ली-कानपुर के पास एक गांव से गिरफ्तार कर लिया। वह यूपी छोड़कर भागने की फिराक में था। क्रिमिनल इंटेलिजेंस और सर्विलांस की टीम की मदद से उसे पकड़ा गया। आरोपी ने अभिषेक की हत्या करने की बात कबूल की है।
अब पढ़िए पूजा और अभिषेक की मुलाकात कैसे हुई पूजा की अपने पिता के गांव कचौरा में पैतृक जमीन थी। इस जमीन में पूजा को भी हिस्सा मिला। उसने 2012-13 में इस जमीन पर मकान बनवाया। इस मकान का नाम ‘श्रीराम भवन’ रखा। अभिषेक की मां गांव की होने नाते इस मकान की देख-रेख करती थीं। पूजा जब भी गांव जाती, तो अभिषेक के परिवार से मिलती। अभिषेक को पढ़ाने के नाम पर पूजा उसे अपने साथ लेकर अलीगढ़ आ गई। पढ़ाई के दौरान अभिषेक प्राइवेट जॉब करने लगा। इस दौरान वह पूजा के साथ बी. दास कंपाउंड में उसके ही मकान में साथ रहता था। अभिषेक लगभग 9 साल तक अलीगढ़ में पूजा के साथ रहा। पूजा और अशोक के सारे कामकाज अभिषेक ही देखता था। लेकिन, 6 महीने पहले अभिषेक और पूजा के बीच अनबन हो गई। अभिषेक ने पूजा और अशोक से दूरी बना ली। बाद में अभिषेक ने टीवीएस बाइक का शोरूम खोल लिया। महामंडलेश्वर पर 25 हजार का इनाम घोषित
अभिषेक हत्याकांड में शामिल 3 आरोपियों को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं हत्या की साजिश रचने वाली मुख्य आरोपी पूजा शकुन पांडेय अब भी फरार है। एसएसपी नीरज जादौन ने बताया- महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। पूजा और अशोक पर अलीगढ़ के अलग-अलग थानों में 6 मामले पहले से दर्ज थे। उन पर ज्यादातर गैर समुदाय पर टिप्पणी और मुस्लिम विरोधी बातें बोलने के मामले में मुकदमे दर्ज किए गए। —————————
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