RPSC की पूर्व मेंबर मंजू शर्मा की हाईकोर्ट में अपील:कहा- कोर्ट की टिप्पणियों ने इस्तीफा देने के लिए किया मजबूर, सुनवाई का मौका नहीं दिया

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की पूर्व मेंबर मंजू शर्मा ने हाईकोर्ट की डिवीजन बैंक में अपील दायर की है। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 28 अगस्त को एसआई भर्ती-2021 (सब इंस्पेक्टर) रद्द करने की सिफारिश करते हुए आरपीएससी सदस्यों पर गंभीर टिप्पणियां की थीं। मंजू शर्मा ने अपील में अपने खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने की मांग की है। उन्होंने लिखा है- उनके खिलाफ कठोर और अनुचित टिप्पणियां की गई हैं, जबकि उन्हें न तो इस याचिका में पक्षकार बनाया गया और न ही उन्हें सुनवाई का मौका दिया गया। हाईकोर्ट की एकलपीठ के फैसले के बाद मंजू शर्मा ने 1 सितंबर 2025 अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे 15 सितंबर को राज्यपाल ने मंजूर कर लिया था। ​इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा
अपील में कहा गया कि केवल संपर्क का उल्लेख करने वाली चार्जशीट को आधार बनाकर किसी सार्वजनिक अधिकारी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना न्याय का उल्लंघन है। अदालत की टिप्पणियों ने मंजू शर्मा की ईमानदारी और नैतिक छवि को धूमिल किया है, जिससे उन्हें सामाजिक और पेशेवर स्तर पर नुकसान हुआ। मानसिक तनाव बढ़ा और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। मंजू शर्मा ने कहा है- अदालत की टिप्पणियां बिना किसी ठोस साक्ष्य के की गई हैं। कोई ऑडियो रिकॉर्डिंग, प्रत्यक्ष साक्षी विवरण या भर्ती प्रक्रिया के मार्किंग का कोई ऑडिट ट्रेल नहीं है, जो दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त हो। बिना सुनवाई का अवसर दिए व्यक्तिगत टिप्पणियां की गई हैं, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है। RPSC के पूर्व चेयरमैन से लेकर सदस्यों तक पर गंभीर आरोप
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अपने 28 अगस्त के आदेश में आरपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन और सदस्यों पर गंभीर टिप्पणियां की थीं। जस्टिस समीर जैन ने अपने फैसले में लिखा था- पूर्व सदस्य रामू राम राईका की बेटी शोभा राईका को एसआई भर्ती के इंटरव्यू में अच्छे अंक मिले। इसके लिए राईका ने RPSC के तत्कालीन अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय और आरपीएससी के अन्य सदस्यों, जिनमें बाबू लाल कटारा, मंजू शर्मा, संगीता आर्य और जसवंत राठी शामिल थे, उनसे मुलाकात की। राईका ने सिफारिश की कि वे सुनिश्चित करें कि उसकी बेटी इंटरव्यू में पास हो। इन सदस्यों की भागीदारी आरपीएससी के अंदर पूरी व्यवस्था में भ्रष्टाचार का संकेत देती है, जिससे इंटरव्यू और लिखित परीक्षा, दोनों ही चरणों में भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता को खतरा पहुंच रहा है। ये खबर भी पढ़ें
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