65 साल से जल रही देवी की अखंड ज्योति:यमुनानगर में 1925 में मंदिर की स्थापना, हर महीने लगता है 90 किलो देसी घी

कल्पना कीजिए एक ऐसे मंदिर की, जहां हवा में घी की महक फैली रहती है और 11 अखंड ज्योति 65 साल से बिना रुके जल रही हैं, वो भी शुद्ध देसी घी से! जी हां, हम बात कर रहे हैं यमुनानगर-जगाधरी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थापित प्राचीन सिद्ध पीठ श्री मूर्ति देवी मंदिर की। शारदीय नवरात्र में यहां का नजारा देखते ही बनता है। भारी संख्या में श्रद्धालु यहां दूर- दराज से आते हैं और माता के दर्शन करते हैं और 11 अखंड ज्योति के सामने सिर झुकाकर मनोकामनाएं मांगते हैं। हर महीने लगता है 90 किलो देसी घी मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित इंद्रदीप बताते हैं, “यह ज्योति कोई साधारण नहीं है। 100 साल पुराने इस मंदिर में यह 11 अखंड ज्योतियों का समूह है, जो 65 साल पहले पंडित जीवानंद ने विश्व शांति की कामना से प्रज्ज्वलित की थी। खास बात ये कि ये ज्योति देसी घी से जलती हैं। हर महीने इन ज्योति में करीब 90 किलो देसी घी लगता है, जिसे बाजार से नहीं खरीदा जाता, बल्कि इसका प्रबंध श्रद्धालुओं द्वारा ही किया जाता है। कभी कोई 1 किलो लाता है, कभी 5 सब मिलकर ये ज्योति अनंत रखते हैं। मानो मां खुद कह रही हों, ‘मेरे भक्तों का घी ही मेरी रोशनी है! लाला को सपने में दिया मंदिर बनवाने का आदेश कहानी की शुरुआत होती है 100 साल पहले। उस वक्त यमुनानगर को अब्दुल्लापुर कहा जाता था, और मंदिर वाली जगह पर घना जंगल था। जगाधरी के लाला श्याम लाल को एक रात सपने में मां बाला सुंदरी ने दर्शन दिए और कहा, यहां मेरा मंदिर बनाओ। लाला जी ने बिना देर किए सन 1925 में भव्य मंदिर बनवाया, जिसमें कई साल बाद विश्व शांति के लिए 11 ज्योति जलाई गई, जोकि 65 सालों से आज तक जल रही हैं। आज ये मंदिर न सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि माता रानी की यहां पर विशेष कृपा है। नवरात्र में यहां पर श्रद्धालु अखंड ज्योत के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। भक्तों को दर्शन देती है मां मान्यता है कि हर नवरात्र में मां किसी न किसी रूप में यहां आती हैं और भक्तों को दर्शन देती हैं। बुजुर्ग श्रद्धालु रामवती ने बताया, वह 40 साल से मंदिर में आ रही है। एक बार उसकी मन्नत ऐसी पूरी हुई कि लगता है मां अब खुद उसे यहां बुलाती है। दुर्गाष्टमी पर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। वहीं रोजाना यहां पर महिलाएं आकर कीर्तन करती हैं। पंडित इंद्रदीप बताते हैं कि लोगों को बीमारियों से मुक्त रखने के लिए मंदिर में निशुल्क दवाइयां भी दी जाती हैं।

Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/zXtVreu