सोनम वांगचुक की पत्नी ने राष्ट्रपति को लेटर लिखा:कहा- आदिवासी होने के चलते लद्दाख के लोगों की भावनाएं समझें, पति की रिहाई की मांग की

लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा। उन्होंने अपील की कि राष्ट्रपति एक आदिवासी होने के चलते लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझें। आंगमो यह लेटर PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजा है। पत्र में अंग्मो ने सोनम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की मांग की है। सोनम को उन्होंने जलवायु परिवर्तन और पिछड़े आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए आंदोलन करने वाला शांतिपूर्ण गांधीवादी प्रदर्शनकारी बताया है। सोनम वांगचुक को लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। उन पर कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत आरोप लगाए गए और उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। 24 सितंबर को LAB द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान लेह में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। 50 लोगों को दंगा फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया। गीतांजलि का लेटर वांगचुक की रिहाई की मांग तेज लद्दाख को राज्य का दर्जा और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत अन्य गिरफ्तार युवाओं की रिहाई की मांग तेज हो गई है। करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने कहा है कि लद्दाख में हालात सामान्य होने तक केंद्र की उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी से बात नहीं करेंगे। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) पहले ही बातचीत नहीं करने का ऐलान कर चुकी है। 24 सितंबर को LAB द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान लेह में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। 50 लोगों को दंगा फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया। आंदोलन का चेहरा बने वांगचुक को NSA में गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया है। केंद्र ने 20 सितंबर को LAB और KDA को वार्ता के लिए बुलाया था। गृह मंत्रालय बोला- LAB-KDA से बातचीत को तैयार केंद्र लेह में कर्फ्यू में 7 घंटे की ढील लेह शहर में मंगलवार सुबह 10 बजे से कर्फ्यू में सात घंटे की ढील दी गई, इससे लोगों को राहत मिली। मंगलवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी और बाद में इसे बढ़ा दिया गया। अधिकारी ने कहा कि स्थिति के अनुसार ढील को आगे बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा। लेह के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गुलाम मोहम्मद ने ढील के दौरान सभी किराना का सामान, आवश्यक सेवाओं, हार्डवेयर और सब्जी की दुकानें खोलने का आदेश दिया। इससे पहले, सोमवार शाम 4 बजे से दो घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी।

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