मध्यप्रदेश की रिपोर्ट- सिरप में 0.1% के बजाय 48.6% केमिकल:ये पूरी तरह जहरीला; दवा लिखने वाले डॉक्टर और दवा कंपनी पर FIR, डॉक्टर गिरफ्तार
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 11 बच्चों की मौत के बाद आखिरकार प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार रात जिले के परासिया थाना में डॉ. प्रवीण सोनी और श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी (कांचीपुरम, तमिलनाडु) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद छिंदवाड़ा के कोतवाली थाना क्षेत्र के राजपाल चौक से डॉक्टर प्रवीण सोनी को देर रात एसपी की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार भी कर लिया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई है। जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, उनके तहत 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। इधर, शनिवार रात में ही किडनी फेल होने से 11 बच्चों की मौत के मामले में मध्यप्रदेश की सरकारी रिपोर्ट भी आ गई। इसमें सिरप कोल्ड्रिफ (Coldrif) में 46.2% डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) का पुष्टि हुई है। वहीं, दो अन्य सिरप नेक्स्ट्रो-डीएस (Nextro-DS) और मेफटॉल पी सिरप की रिपोर्ट ‘ओके’ आई है। मिलावटी और खतरनाक तत्वों वाली थी दवाएं
बता दें कि श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी के सिरप बच्चों को उपचार के दौरान दिए गए थे। जिसके बाद बच्चों की हालत बिगड़ने लगी थी। अब तक 11 बच्चों की मौत किडनी फेल होने के कारण हो चुकी है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि बच्चों को जो दवा दी गई थी, वह मिलावटी और हानिकारक तत्वों से युक्त थी। इसी आधार पर अब दवा लिखने वाले डॉक्टर और दवा कंपनी दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन धाराओं में दर्ज किया केस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने डॉक्टर और कंपनी के खिलाफ जांच तेज कर दी है। प्रारंभिक साक्ष्यों के अनुसार, जिस दवा का उपयोग बच्चों के उपचार में किया गया, उसके नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए थे। जिसकी रिपोर्ट में दवा को एडलट्रेडेट यानी मिलावटी पाया गया। रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज की गई है। बीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से ले रहा है। बच्चों की मौत की सच्चाई सामने लाने के लिए वैज्ञानिक और चिकित्सकीय दोनों स्तरों पर जांच चल रही है। यदि और किसी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। संदिग्ध दवाओं का उपयोग तत्काल बंद करने के निर्देश
उधर, जिला प्रशासन ने जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किए हैं कि संदिग्ध दवाओं का उपयोग तत्काल बंद किया जाए। साथ ही दवा स्टॉक की जांच भी शुरू कर दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर जांच भी कर रही हैं और बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है। मध्यप्रदेश की सरकारी रिपोर्ट में यह पाया गया..
छिंदवाड़ा जिले में किडनी फेल होने से 11 बच्चों की मौत के मामले में मध्यप्रदेश की सरकारी रिपोर्ट शनिवार रात को आ गई है। इसमें सिरप कोल्ड्रिफ (Coldrif) में 46.2% डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) का पुष्टि हुई है। जबकि, तमिलनाडु से आई रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ सिरप में 48.6% DEG का पुष्टि हुई थी। वहीं, दो अन्य सिरप नेक्स्ट्रो-डीएस (Nextro-DS) और मेफटॉल पी सिरप की रिपोर्ट ‘ओके’ आई है। यह दोनों स्टैंडर्ड क्वालिटी के कफ सिरप करार दिए गए हैं। बता दें कि कुल 19 दवाओं के सैंपल लिए गए थे। जिसमें से 12 की रिपोर्ट अब तक सामने आई हैं। वहीं, अभी 7 दवाओं की रिपोर्ट आनी बाकी है। ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य ने कहा कि जैसे ही सूचना मिली, अलग-अलग एजेंसियों ने सैंपल की जांच शुरू कर दी। तमिलनाडु से आई रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ सिरप में डायएथिलिन ग्लायकॉल की भारी मात्रा पाई गई। हमारी रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है। हम हिमाचल प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर के संपर्क में हैं। गाइडलाइन 0.1%, लेकिन मिला 48.6% जहरीला केमिकल
मध्यप्रदेश एफडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार कफ सिरप में अधिकतम 0.1 प्रतिशत डायएथिलिन ग्लायकॉल की मौजूदगी स्वीकार्य है। लेकिन जांच में सामने आया कि कोल्ड्रिफ सिरप में यह मात्रा 48.6 प्रतिशत थी। यह बेहद घातक और जानलेवा स्तर है, जिससे किडनी फेल और ब्रेन डैमेज जैसी स्थितियां पैदा हो जाती हैं। हिमाचल सरकार ने रोका प्रोडक्शन
हिमाचल प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार से पत्र मिलने के बाद हमने जांच शुरू कर दी है। एहतियातन नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप के प्रोडक्शन पर रोक लगा दी गई है। जिन बैचों की सप्लाई मध्यप्रदेश में हुई, उनके सैंपल की जांच की गई है। साथ ही सप्लाई चेन को भी ट्रैक किया जा रहा है। जिससे इस सिरप के स्टॉक पर हमारी नजर रहे। कंपनी को कहा गया है कि वह बिक्री तत्काल रोके और अपने डीलर्स तक सूचना पहुंचाए। अब मध्यप्रदेश की सरकारी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेंगे। डिफ्रॉस्ट सिरप बाजार से वापस बुलाई
इंदौर में बनी डिफ्रॉस्ट सिरप को बाजार से वापस बुलाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंदौर की आर्क फार्मास्युटिकल कंपनी के खिलाफ कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर डिफ्रॉस्ट सिरप बैच नं. 11198 को बाजार से रिकॉल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, औषधि महानियंत्रक (भारत सरकार) और संबंधित राज्यों हिमाचल प्रदेश एवं तमिलनाडु के औषधि नियंत्रकों को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।
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