बीरेंद्र के बेटे की यात्रा से हुड्डा खेमे का किनारा:सांसद जेपी और उदयभान बोले-ये कांग्रेस का नहीं, निजी कार्यक्रम; 6 माह चलेगी यात्रा

हरियाणा कांग्रेस में रोज नई कॉन्ट्रोवर्सी सामने आ रही है। अब ताजा विवाद चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे एवं पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की सद्भावना यात्रा को लेकर है। यह यात्रा 5 अक्टूबर को शुरू होनी है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे से जुड़े नेताओं ने अभी से इससे किनारा करना करना शुरू कर दिया है। सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए उदयभान ने कहा कि यह कांग्रेस का ऑफिशियल प्रोग्राम नहीं है। यह यात्रा निजी हुई। इसलिए वो इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने आगे कहा है कि पदयात्रा में शामिल होने की ऐसी कोई बात नहीं है। पार्टी का यदि निर्देश होगा, तब वे यात्रा में शामिल होंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से ऐसा फिलहाल कोई भी निर्देश नहीं आया है। इससे पहले हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश जेपी भी हमला बोल चुके हैं। जहां बीरेंद्र का प्रभाव रहा, पहले चरण में वही इलाके कवर होंगे
यात्रा के कई फेज होंगे। पहले चरण में जींद, उचाना कलां, नरवाना, सफीदों, जुलाना, कैथल, कलायत, पुंडरी और गुहला समेत 14 विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इनमें से ज्यादातर वो इलाके हैं, जिनमें कभी बीरेंद्र सिंह का अच्छा-खासा प्रभाव था। आज भी इन इलाकों में बीरेंद्र का कैडर बेस वर्कर है। वैसे यह यात्रा हरियाणा की सभी 90 हलकों को कवर करेगी। पिता बीरेंद्र चौधरी संभालेंगे यात्रा की कमान
बृजेंद्र सिंह के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह यात्रा की कमान संभालेंगे। हाल ही में वे नई दिल्ली में यात्रा की रणनीति तय करने के लिए अहम बैठक भी कर चुके हैं। बीरेंद्र सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे सिर्फ चुनावी राजनीति से रिटायर हुए हैं, राजनीति से नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाल ही में कहा था कि वे ‘ना टायर्ड हैं, ना रिटायर्ड।’ इस बयान को बृजेंद्र ने आगे बढ़ाते हुए कहा – ‘यही बात चौधरी बीरेंद्र सिंह भी कहते हैं’। स्पष्ट है कि बीरेंद्र सिंह इलेक्शन पॉलिटिक्स से तो दूर हो गए हैं, लेकिन राजनीति से नहीं। जयप्रकाश बोले- यात्रा से अच्छा 3 कानूनों के खिलाफ विरोध करते
हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने सद्भावना यात्रा को लेकर कहा कि पार्टी की ओर से अभी तक उन्हें कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है। यदि पार्टी की ओर से संदेश मिलेगा तो उसके बाद ही इस यात्रा पर विचार किया जाएगा। सद्भावना यात्रा निकालने से अच्छा होता कि 3 काले कानूनों का डटकर विरोध किया जाना चाहिए था। उल्लेखनीय है कि बृजेंद्र सिंह भी हिसार लोकसभा सीट से टिकट के दावेदार थे। हालांकि हुड्डा की पैरवी की वजह से बृजेंद्र के बजाय जेपी को टिकट मिला था। बीरेंद्र राजीव के साथी रहे, बृजेंद्र राहुल के क्लासमेट
चौ. बीरेंद्र सिंह की कांग्रेस में पहले करीब 40 साल की पारी रही। तब उनका नारा होता था-छोटू राम का नाती, राजीव का साथी। हालांकि 2014 में बीरेंद्र सिंह कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए थे। पिछले चुनाव में उन्होंने कांग्रेस में वापसी की। बृजेंद्र सिंह एक इंटरव्यू में बता चुके हैं कि साल 1992 में सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से इतिहास में बीए (ऑनर्स) किया। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान राहुल गांधी के क्लासमेट थे। दोनों की अच्छी दोस्ती थी। बेटे को राजनीति में अच्छे से सेट करना चाहते हैं
बीरेंद्र सिंह ने पिछले दिनों करनाल में कहा कि अब उनकी उम्र हो गई है। उन्होंने कुमारी सैलजा का जिक्र करते हुए कहा था कि उनके पास अभी लंबी राजनीति पारी खेलने की उम्र है। इस कार्यक्रम में कुमारी सैलजा की बगल में बृजेंद्र सिंह भी बैठे थे। बीरेंद्र ने आगे कहा था- मैं कहता हूं कि जाट तो कभी संन्यास लेता ही नहीं। और हां…इसका सबतै ज्यादा बुरा मानेगा मेरा छौरा, यू मेरे कहां चिपट ग्या। असल में बीरेंद्र ये मानकर चल रहे हैं कि उन्हें भविष्य में बड़ी सियासी भूमिका नहीं मिलेगी। वह भूपेंद्र हुड्डा की उम्र का भी जिक्र करते रहते हैं। ऐसे में वो बेटे बृजेंद्र सिंह को बड़े जाट चेहरे को तौर पर सेट करना चाहते हैं। यहां पढ़िए कौन हैं बृजेंद्र सिंह
बृजेंद्र सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी हैं। 21 वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। 1998 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल की थी। बृजेंद्र सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। वो हरियाणा के जींद के मूल निवासी हैं। साल 2014 में बृजेंद्र सिंह ने कांग्रेस का साथ छोड़ा था, जिसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2019 में बृजेंद्र सिंह भाजपा के टिकट पर हिसार से सांसद बने थे। —————————- ये खबर भी पढ़ें- पूर्व मंत्री बीरेंद्र के पूर्व सांसद बेटे का बड़ा खुलासा:बोले- मुझे हराने के लिए पर्दे के पीछे खेल हुआ, 3 लोग इकट्ठे हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने उचाना विधानसभा सीट पर मिली हार को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा- ‘मुझे हराने के लिए पर्दे के पीछे बहुत खेल हुआ। 3 लोग इकट्ठे हुए। खुद चुनाव लड़ रहे दुष्यंत चौटाला ने निर्दलीय के फेवर में इशारा कर दिया था।’ (पूरी खबर)

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