फर्जी MBA डिग्री पर 4 साल से सरकारी नौकरी:जिस मोनाड यूनिवर्सिटी की डिग्री, उसके चेयरमैन-वीसी तक अरेस्ट; पलवल जिप चेयरपर्सन की शिकायत पर जांच

हरियाणा के पलवल में जिला परिषद के असिस्टेंट CEO की MBA की डिग्री संदेह के घेरे में है। जिला परिषद की चेयरपर्सन रेखा ने खुद डिग्री पर सवाल खड़ा करते हुए CM नायब सैनी, पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार समेत प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की है। जिस कर्मचारी की डिग्री संदेह के घेरे में है, वो साल 2021 से पंचायत विभाग में नौकरी कर रहा है। वर्तमान में जिला परिषद में असिस्टेंट CEO के पद पर है। MBA की जिस डिग्री पर सवाल खड़ा किया गया है, वो उत्तर प्रदेश के हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी के नाम पर जारी हुई है। ये वही यूनिवर्सिटी है, जिसमें यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक रैकेट पकड़ा था। यूनिवर्सिटी प्रशासन और अन्य कर्मचारी मिलकर फर्जी मार्कशीट, डिग्रियां, प्रोविजनल सर्टिफिकेट व माइग्रेशन सर्टिफिकेट भेजते थे। यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा, प्रो-वाइस चांसलर नितिन कुमार सिंह समेत 10 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई। इस संबंध में डीसी हरीश कुमार का कहना है कि शिकायत के आधार पर जांच चल रही है। जांच के बाद कार्रवाई होगी। अब सिलसिलेवार पढ़ें…फर्जी डिग्री से नौकरी पाने के आरोप से लेकर जांच तक की कहानी जिप चेयरपर्सन बोलीं-रूरल डवलपमेंट में MBA दिखाया
पलवल जिला परिषद की चेयरपर्सन रेखा ने जिला परिषद के असिस्टेंट CEO युधिष्ठिर की डिग्री को लेकर शिकायत की है। युधिष्ठिर ने रूरल डवलपमेंट में MBA की डिग्री के आधार पर साल 2021 में पंचायत विभाग में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नौकरी हासिल की। यह डिग्री मोनाड यूनिवर्सिटी से जारी हुई दिखाई गई। इसी डिग्री को सही मानते हुए नौकरी मिली और 4 साल से वह सरकार से सेलरी ले रहा है। फर्जी डिग्रियों पर 18 रिश्तेदारों को भी नौकरी
चेयरपर्सन का आरोप है कि असिस्टेंट CEO ने अपने करीब 18 रिश्तेदारों को इसी यूनिवर्सिटी से डिग्रियां दिलवाईं। जिनके आधार पर पंचायत विभाग में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नौकरियां दिलवा दी। 3-4 साल में पंचायत विभाग में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नौकरियां पाने वालों की डिग्री की जांच होनी चाहिए। साल 2023 में पहली शिकायत, तब वेरिफिकेशन कराई
सबसे पहले ये मामला तब सामने आया जब मार्च 2023 में गांव सिहोल के रहने वाले राजकुमार ने युधिष्ठिर पर फर्जी डिग्री के इस्तेमाल करने के आरोप लगाए थे। तब इसकी जांच कराई गई। चेयरपर्सन का दावा है कि तब युधिष्ठिर ने मोनाड यूनिवर्सिटी के अंदर काम करने वाले गिरोह की मदद से डिग्री की वेरिफिकेशन करवा ठीक दिखवा दिया। इस वजह से तब कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब 13 सितंबर को दोबारा शिकायत की
चेयरपर्सन रेखा ने कहा कि उन्होंने दोबारा से इस मामले की जांच कराने के लिए 13 सितंबर 2025 को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ( CEO) को पत्र लिखा। जिसके बाद सीईओ की तरफ से उनको बताया गया कि इस मामले में एडीसी पहले ही जांच करके शिकायत को बंद कर चुके हैं अब 13 सितंबर को दोबारा शिकायत की
चेयरपर्सन रेखा ने कहा कि उन्होंने दोबारा से इस मामले की जांच कराने के लिए 13 सितंबर 2025 को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ( CEO) को पत्र लिखा। जिसके बाद सीईओ की तरफ से उनको बताया गया कि इस मामले में एडीसी पहले ही जांच करके शिकायत को बंद कर चुके हैं। दोबारा से जांच के लिए चेयरमैन ने लिखा पत्र
चेयरपर्सन रेखा ​​​​​​​ने बताया कि उन्होंने दोबारा से जांच और युधिष्ठिर​​​​​​​ की डिग्री की जांच के लिए 8 सिंतबर को मोनाड यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर को पत्र लिखा गया। 16 सिंतबर को यूनिवर्सिटी ने अपनी जांच रिपोर्ट मे बताया कि स्टूडेंट युधिष्ठिर, एनरोलमेंट नंबर MU1719MBA50942, ने इस यूनिवर्सिटी​​​​​​​ में कभी पढ़ाई नहीं की है। चेयरमैन का आरोप है कि युधिष्ठिर ने बिना पढ़ाई किए पैसे देकर MBA की फर्जी डिग्री बनवाई है। गिरोह के पकड़े जाने से दोबारा जांच में मिली सच्चाई
चेयरपर्सन रेखा ने कहा कि 18 मई को यूपी एसटीएफ ने मोनाड यूनिवर्सिटी​​​​​​​ में फर्जी मार्कशीट और डिग्री के रैकेट का पर्दाफाश कर दिया। यूनिवर्सिटी चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे संदीप कुमार समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे 1372 फर्जी मार्कशीट और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। जिसके चलते जब उन्होंने दोबारा से वेरिफिकेशन के लिए पत्र लिखा तो युधिष्ठिर की यूनिवर्सिटी में कोई मदद नहीं कर सका और सच सामने आ गया। युधिष्ठिर का दावा-चेयरपर्सन का वेरिफिकेशन लेटर ही झूठा
​​​​​​​दूसरी तरफ, जिला परिषद में असिस्टेंट CEO युधिष्ठिर ने कहा कि उनके ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह पूरी तरह से झूठे हैं। उनकी डिग्री को लेकर पहले वेरिफिकेशन किया गया था, जिसमें उनकी डिग्री सही पाई गई थी। चेयरपर्सन द्वारा वेरिफिकेशन का जो लेटर दिखाया जा रहा है, वह पूरी तरह से नकली है। प्रशासन की जांच पर उनको पूरा भरोसा है। युधिष्ठिर ने कहा कि प्रशासन की जांच पूरी होने के बाद वह इन लोगों के खिलाफ मानहानि का केस करेंगे। क्योंकि उन पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। डीसी बोले- शिकायत मिली है जांच होगी
​​​​​​​पलवल डीसी हरीश कुमार ‌वशिष्ठ ने इस मामले को लेकर कहा कि उनको जिला परिषद चेयरपर्सन ने इस मामले को लेकर शिकायत दी है। वो इस मामले की जांच करवा रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद जो भी तथ्य निकलकर सामने आएंगे उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब जानिए…मोनाड यूनिवर्सिटी में क्या खेल चल रहा था​​​​​​​ यूपी एसटीएफ ने फर्जी मार्कशीट-डिग्री रैकेट पकड़ा
इसी साल मई में यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी में एक रैकेट पकड़ा। रैकेट में यूनिवर्सिटी प्रबंधन से जुड़े लोग व कर्मचारी भी शामिल थे। एसटीएफ का दावा है कि यह रैकेट फर्जी मार्कशीट, डिग्रियां, प्रोविजनल सर्टिफिकेट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट जारी करता था। चेयरमैन से लेकर प्रो वाइस चांसल तक गिरफ्तार हुए
​​​​​​​एसटीएफ की कार्रवाई के बाद यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा, प्रो-वाइस चांसलर नितिन कुमार सिंह समेत 10 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई। इसके अलावा काफी कर्मियों से पूछताछ हुई। 1,372 नकली डिग्रियां व मार्कशीट्स बरामद हुईं। 262 नकली प्रोविजनल और माइग्रेशन सर्टिफिकेट्स, कई खाली मार्कशीट, खाली सर्टिफिकेट्स, प्रिंटर, कंप्यूटर, सील आदि जब्त किए गए। 50 हजार से लेकर 4 लाख रुपए तक में डिग्री मिलती थी
​​​​​​​एसटीएफ का दावा है कि रैकेट में शामिल लोगों ने छात्रों से ₹50,000 से लेकर ₹4,00,000 तक वसूले थे। जितनी बड़ी व महत्वपूर्ण डिग्री, उतनी कीमत लगती थी। इस केस में FIR दर्ज की गई है। बेईमानी, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, बड़े पैमाने पर अपराध संगठित करने की धाराएं लगी। जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को इस यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की है।

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