परम की लेडी सिद्धू मूसेवाला बनने की कहानी:स्कूल से गाने का शौक हुआ, मोगा की दाना मंडी में प्रैक्टिस, क्लासमेट ने बनाया दैट गर्ल सॉन्ग

पंजाब में मोगा के एक साधारण परिवार की 19 साल की लड़की ने अपने सॉन्ग से रातों-रात पहचान बना ली है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें लेडी सिद्धू मूसेवाला कहकर बुला रहे हैं। सिद्धू मूसेवाला जैसे स्टाइल में गाने वाली लड़की का नाम परमजीत कौर है, जिन्हें फैंस आजकल परम के नाम से हैशटैग कर रहे हैं। इन दिनों परम हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड कर रही हैं। उनके सॉन्ग की लाइन “नीं मैं अड्डी नां पताशे जावां पोरदी” (मैं अपनी एड़ी से पताशे कुचलती हूं) हर किसी की जुबान पर चढ़ चुकी है। मोगा के दुनेके गांव में जन्मी परम का बचपन गरीबी में बीता। मां दूसरों के घरों में काम करती हैं, जबकि पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। फिलहाल परम मोगा के बीएम कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रही हैं। अब जानिए कौन हैं परम, कैसे इन्हें रैप का शौक हुआ और किस तरह रातों-रात यह बड़ी स्टार बन गईं। सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें परम की कहानी… गीत लिखने वाला साब भी परम का क्लासमेट
मोगा के डीएम कॉलेज में पढ़ने वाली परम के क्लासमेट साब ने उनके दैट गर्ल गीत को लिखा है। साब कहते हैं कि परम स्कूल टाइम में इतना अच्छा नहीं गाती थीं, लेकिन म्यूजिक पढ़ने के साथ उसकी समझ पढ़ी। उन्होंने रियाज कर अपने सुरों को निखारा। साब का असली नाम जशनप्रीत है। साब कहते हैं कि यह नाम उन्होंने इसलिए रखा क्योंकि कुछ बनना है। बड़ी नौकरी वालों को ही यहां साब कहते हैं। दाना मंडी मोगा से किया संगीत का सफर शुरू
साब और परम मोगा की दाना मंडी में हिप-हॉप में रुचि रखने वाले कॉलेज के अन्य लड़के-लड़कियों के साथ मिलते थे। ये खुली और शांत जगह थी, इसलिए रोज यहां गाने की प्रैक्टिस करते और उसे रिकॉर्ड कर लेते। इसको वह अपने इंस्टा पर ‘सायफर पीबी29 यूजरनेम वाले साब के पेज ‘मालवा हुड’ पर अपलोड कर देते थे। परम बोली- मेरा सपना माता-पिता के लिए अच्छा घर बनाकर देने का
एक चैनल पर दिए इंटरव्यू में परम कहती हैं कि उनकी केवल इतनी इच्छा है कि वह अपने माता-पिता को गरीबी से बाहर निकाल सके। इसके साथ ही वह उन्हें एक अच्छा सा घर देना चाहती है। परम ने कहा कि मेरी मां ने लोगों के घरों में बहुत काम कर लिया। मेरे पिता ने बहुत कस्सी चला ली।

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