जहां प्रशासन फेल, वहां रामपाल ने जेल से पहुंचाई मदद:हरियाणा के बाढ़ प्रभावित 200 गांवों को पाइप-मोटरें दीं; पंचायतें बोलीं-बाबा ने निहाल किया
देशद्रोह समेत कई संगीन आरोपों में 11 साल से हिसार जेल में बंद सतलोक आश्रम संचालक रामपाल इन दिनों जलभराव से प्रभावित गांवों का मददगार बना हुआ है। उसकी ओर से हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, जींद, झज्जर जिलों के 200 गांवों में पानी की निकासी के लिए पाइप लाइन और 15 से 20 हॉर्स पावर तक की मोटरें दी गईं हैं। यह सामान पंचायतों के माध्यम से दिया गया है। मदद पाने वाले करीब 70 गांवों की लिस्ट सामने भी आई है। ज्यादातर उन गांवों में मदद पहुंचाई गई है, जिन्हें प्रशासन की तरफ से समय पर मदद नहीं मिली। इस पर कई सरपंचों का कहना है कि उन्होंने प्रशासन के पास आवेदन किया, लेकिन मामला फाइलों में भी उलझा रहा। इधर, आश्रम प्रमुख के पास एक बार अर्जी दी, उसके कुछ समय बाद ही सामान पहुंच गया। इन गांवों में प्लास्टिक की पाइपों से लेकर अलग-अलग हॉर्स पावर की मोटरें व तार तक पहुंचाई गई है। गांवों में चार हजार फीट से लेकर 44 हजार फीट तक पाइपें पहुंचाई गई है। 15 हॉर्स पावर वाली मोटर की कीमत 40 से 45 हजार रुपए और 20 हॉर्स पावर वाली 50 से 60 हजार रुपए तक में आती है। ऐसे में गांवों में 10 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक का सामान पहुंचाया गया है। यह कार्य मुनिंदर नाथ ट्रस्ट के जरिए किया गया है। सतलोक आश्रम से संपर्क करने और फिर मदद मिलने की कहानी… सबसे ज्यादा हिसार के गांवों में मदद
ट्रस्ट की ओर से 200 गांवों में मदद पहुंचाने की बात कही जा रही है। करीब 70 गांवों की लिस्ट भी सामने आई है। इनमें सबसे ज्यादा हिसार जिले के गांव हैं। हिसार जिले के 47, भिवानी के 13 गांव, फतेहाबाद व जींद के 3-3 और झज्जर के 1 गांव का नाम लिस्ट में है। गौरतलब है कि सतलोक आश्रम संचालक रामपाल की साल 2014 में हिसार के बरवाला आश्रम से ही गिरफ्तारी हई थी। उस वक्त रामपाल का हिसार में एक आश्रम था। जेल जाने के बाद यहां आश्रमों की संख्या 5 हो गई है। इनमें से रोहतक का करौंता और हिसार का बरवाला आश्रम सरकार के अधीन है। सरपंच बोले- सरकार व प्रशासन से तो महीनों बाद मिलती मदद
फतेहाबाद जिले के गांव नहला के सरपंच कृष्ण कुमार बताते हैं कि भारी बारिश के बाद दो हजार एकड़ खेतों और गांव में पानी भर गया था। गांव का पानी तो तीन दिन में निकला था, लेकिन खेतों में अभी भी भरा हुआ है। प्रशासन ने चार मोटरें दी। जब ज्यादा पानी था, उस समय तो एक ही मिल पाई थी। इससे ज्यादा मदद लेने में तो लंबा टाइम लग जाता। हमने रामपाल महाराज के आश्रम में संपर्क किया तो उन्होंने पहले तो 24 घंटे में ही पाइप भेज दी। इसके बाद दोबारा मदद ली गई। हमारे गांव को 24 हजार 500 फुट पाइप, चार मोटर व 2 हैंडपंप परमानेंट दे दिए गए हैं। करीब 28 से 30 लाख रुपए का सामान दिया गया है। सरकारी अफसर बोले थे- प्रोजेक्ट बनाएंगे, छह माह लगेंगे
गांव चिंदड़ के सरपंच सुमित गोदारा बताते हैं- जलभराव के कारण फतेहाबाद हलके में सबसे बुरे हाल हमारे ही गांव में थे। करीब तीन हजार एकड़ में पानी भरा। सरकारी अधिकारियों ने प्रोजेक्ट बनाए हैं, लेकिन उनमें छह महीने से ज्यादा समय लग जाएगा। इसलिए हमने रामपाल महाराज के आश्रम में संपर्क किया। हमारे गांव में 21 हजार फीट पाइप, 15 हॉर्स पावर की दो मोटरों सहित पूरा सेट दिया गया है। इसकी कीमत करीब 20 लाख रुपए होगी। सारा सामान आश्रम कमेटी ने अपने स्तर पर वाहन करके ही भेजा है। पंचायत ने सिर्फ सामान को फिट करवाने की लेबर अपने स्तर पर लगाई है। गांव खेदड़ में सबसे बड़ी मदद
इन 69 गांवों की लिस्ट में सबसे बड़ी मदद हिसार जिले के गांव खेदड़ को मिली हुई दर्शाई गई है। खेदड़ में आठ इंची 44 हजार फीट पाइप, 15 हॉर्स पावर की 5 मोटरें और 600 फुट तार दी गई है। गांव खेदड़ के सरपंच शमशेर सिंह कहते हैं कि हमारे गांव में दो किलोमीटर एरिया के खेतों में पानी भरा हुआ था। पंचायत के पास ज्यादा फंड नहीं था। सरकार से भी कोई खास मदद नहीं मिली। इसके बाद पंचायत व ग्रामीण रामपाल महाराज के आश्रम की कमेटी से मिले, जहां से फुल मदद की गई है। महाराज ने निहाल कर दिया है। 14 में से 11 केसों में बरी हो चुका रामपाल
रामपाल के वकालतनामा पर हस्ताक्षर करने वाले हिसार के एडवोकेट कुलदीप के अनुसार, रामपाल महाराज 2014 से जेल में बंद हैं। उन पर कुल 14 केस लगे थे। उनमें से 11 केस में वे बरी हो चुके हैं। 2 केस जिनका मुकद्दमा नंबर 429 और 430 है, उनमें हाईकोर्ट ने उनकी उम्रकैद की सजा को सस्पेंड कर दिया है।
अभी देशद्रोह का मुकद्दमा नंबर 428 है। इसमें 1000 से ज्यादा लोग शामिल थे। इनमें अधिकतर की बेल हो चुकी है। हिसार में रामपाल का केस लड़ने वाले उनके वकील महेंद्र सिंह नैन बताते हैं कि उनके पास रामपाल का एक केस है, जो अंडर ट्रायल है। हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा पर रोक लगाई
सतलोक आश्रम प्रमुख रामपाल को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से भी राहत मिली है। वर्ष 2014 में आश्रम में दिल्ली के बदरपुर की सरिता और पंजाब में संगरूर की मलकीत कौर, राजबाला, संतोष और डेढ़ साल के आदर्श की मौत मामले में मिली उम्रकैद की सजा पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इससे पहले हाईकोर्ट ने आश्रम में मिली एक महिला की लाश के मामले में उम्रकैद की सजा पर रोक लगाई थी। हाईकोर्ट अब तक हत्या के दो मामलों में रामपाल की सजा निलंबित कर चुका है। हाईकोर्ट ने कहा था कि अपीलकर्ता के खिलाफ यह आरोप जरूर है कि उन्होंने महिलाओं को आश्रम में बंद रखा था, लेकिन मेडिकल साक्ष्यों को लेकर गंभीर जिरह योग्य मुद्दे मौजूद हैं। अदालत ने माना कि रामपाल की उम्र 74 वर्ष है और पहले ही 10 साल 27 दिन की वास्तविक सजा काट चुका। पुलिस और रामपाल समर्थकों के बीच टकराव के बाद गिरफ्तारी
19 नवंबर 2014 को रामपाल समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव हुआ था। इस दौरान छह लोगों की मौत हो गई थी। दोनों तरफ से कई घायल हुए थे। 20 नवंबर, 2014 को रामपाल की गिरफ्तारी के बाद आश्रम खाली करवाकर पुलिस ने कब्जे में लिया था। 11 अक्टूबर, 2018 को हत्या के दो मुकदमों में रामपाल समेत 29 को दोषी करार दिया गया था। इन्हें आजीवन कारावास की कैद हो चुकी है, जबकि देशद्रोह के मामले में अभी सुनवाई जारी है। सोनीपत के धनाना में जन्म, जेई की नौकरी छोड़ संत का चोला पहना
रामपाल का जन्म 8 सितम्बर 1951 को सोनीपत के गांव धनाना में एक किसान परिवार में हुआ था। पिता नंदराम और माता इंद्रादेवी थी। रामपाल ने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और हरियाणा सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर (JE) की नौकरी मिली। तारा देवी से शादी की और पांच बच्चों का पिता बना। इसी दौरान कबीरपंथी संत स्वामी रामदेवानंद महाराज से मुलाकात हुई। साल 1995 में सरकारी नौकरी छोड़कर धार्मिक प्रवचन-सत्संग शुरू कर दिए। बाद में रोहतक के करौंथा में आश्रम बनाया। —————————— सतलोक आश्रम के रामपाल ने हिसार जेल से फैलाया साम्राज्य:आश्रम-कॉल सेंटर खोले,11 केसों में बरी; श्रद्धालु बोले- संत महाराज बाहर आने वाले हैं पिछले 11 साल से हिसार जेल में बंद सतलोक आश्रम संचालक रामपाल फिर सुर्खियों में है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा पर रोक लगा दी। इसके बाद अचानक रामपाल के आश्रमों में हलचल बढ़ गई है। अनुयायी कह रहे हैं कि ‘संत महाराज’ बाहर आने वाले हैं। (पूूरी खबर पढ़ें)
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