हनुमानगढ़ में गुरुद्वारे पर कब्जे का विवाद, हिंसक झड़प:बच्चों समेत 8 घायल, बाहरी लोग जबरन घुसे; स्कूल बंद, 15 थानों की पुलिस तैनात

हनुमानगढ़ के गोलूवाला कस्बे में गुरुद्वारा मेहताबगढ़ साहिब में प्रबंधन कमेटी को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद ने शुक्रवार को हिंसक रूप ले लिया। सुबह करीब 3 बजे एक पक्ष के 50 से ज्यादा लोगों ने गुरुद्वारे में जबरन घुसकर कब्जा करने की कोशिश की। इस दौरान वहां मौजूद दूसरे पक्ष के साथ कहासुनी के बाद झड़प हो गई। इसमें बच्चों समेत करीब 8 लोग घायल हो गए। इनके हाथ, पैर और सिर में चोट आई है। कई घायलों को स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद श्रीगंगानगर जिला हॉस्पिटल रेफर किया गया। सूचना पर गोलूवाला थाना पुलिस फौरन मौके पर पहुंची। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने 15 थानों की पुलिस और RAC के जवानों को तैनात किया है। पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाब्ता भी बुलाया गया है। एहतियात के तौर पर कस्बे में स्कूलों की छुट्‌टी कर दी गई। प्रशासन ने गोलूवाला में धारा 163 लागू कर दी है। चार या ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक रहेगी। फिलहाल इलाके में पुलिस की निगरानी में हालात काबू में हैं, लेकिन तनाव बना हुआ है। सबसे पहले देखिए, 3 PHOTOS… अब जानें क्या है विवाद … गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी को लेकर विवाद
एसपी हरि शंकर ने बताया- गुरुद्वारा में मुख्य ग्रंथी (प्रबंधक) को हटाने की मांग को लेकर दो पक्ष लंबे समय से आमने-सामने हैं। गोलूवाला कस्बा सिख संगत और मुख्य प्रबंधक बीबी हरमीत कौर पक्ष में गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की जिम्मेदारी को लेकर विवाद है। 2009 में संत बाबा अमृतपाल सिंह गोलूवाला के गुरुद्वारा मेहताबगढ़ साहिब के मुख्य प्रबंधक थे। वे करीब 7 साल तक मुख्य प्रबंधक रहे। 2016 में पंजाब में संत बाबा अमृतपाल सिंह की हत्या हो गई। साल 2016 में अमृतपाल सिंह की पत्नी बीबी हरमीत कौर को गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी का पदभार सौंपा गया। पिछले दो महीने से दोनों पक्ष आमने-सामने हैं। गोलूवाला कस्बा सिख संगत बीबी हरमीत कौर को हटाकर नई कमेटी बनाना चाहती है। किसी नए व्यक्ति को गुरुद्वारा का मुख्य प्रबंधक नियुक्त करना चाहती है। SP बोले- गुरुद्वारे में जबरदस्ती घुसने पर विवाद
SP हरि शंकर ने बताया- गुरुद्वारा मेहताब सिंह साहिब में शुक्रवार सुबह बाहरी लोगों के जबरदस्ती घुसने से विवाद की स्थिति बन गई। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति न बने, इसके लिए गोलूवाला कस्बे में 15 थानों के SHO और पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस लाइन से भी जाब्ता तैनात है। आरएसी की दो टुकड़ियां भी क्षेत्र में मौजूद हैं। सभी स्कूलों की छुट्‌टी
ASP जनेश तंवर ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सुबह ही सभी निजी और सरकारी स्कूलों में छुट्टी के निर्देश जारी किए थे। आज कस्बे के सभी स्कूल एहतियातन बंद हैं। फिलहाल स्थिति सामान्य है। एसडीएम उमा मित्तल, संगरिया एसडीएम जय कौशिक और सीओ मीनाक्षी सहारण भी मौके पर पहुंचे। आमजन से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। सिख संगत ने कहा- अफवाह फैलाई कि RSS के लोग अंदर घुस गए
गोलूवाला गुरुद्वारा में मौजूद सिख संगत ने अंदर का एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में सिख संगत के साथ कस्बे की सिख महिलाएं भी नजर आ रही हैं। गुरुघर में लंगर और पाठ का आयोजन किया जा रहा है। बठिंडा (पंजाब) से आए जत्थेदारों ने कहा- वे गुरुद्वारे में लंबे समय से चल रहे विवाद को लेकर आए हैं। बीबी हरमीत कौर की ओर से अफवाह फैलाई जा रही थी कि आरएसएस के लोग अंदर घुस गए हैं। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। अंदर केवल सिख संगत और सिख फौजा ही मौजूद हैं। जत्थेदारों ने कहा कि सभी काम कस्बेवासियों के सहयोग से शांतिपूर्ण तरीके से किए जा रहे हैं। प्रबंधक हरमीत कौर ने दर्ज कराया मामला
पीलीबंगा (हनुमानगढ़) निवासी प्रबंधक हरमीत कौर ने मामला दर्ज कराया है। हरमीत कौर ने रिपोर्ट में बताया कि पिछले कई दिनों से कुछ लोगों का मेरे गुरुद्वारा छोड़ने को लेकर विवाद चल रहा था। मेरे पद पर रहने के मामले में सिखों के गुरुद्वारा श्री अमृतसर साहिब द्वारा मेरे हक में निर्णय लिया गया था। इसके बावजूद 3 अक्टूबर की सुबह सवा तीन बजे 50 से अधिक हथियारबंद बदमाश दीवार फांदकर गुरुद्वारा साहिब में घुस गए। उन्होंने हमला कर दिया। इसमें कावल सिंह, मिमरणजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, अंग्रेज सिंह, नायव सिंह और जसविन्द्र सिंह गंभीर रूप से घायल हुए। कुछ को श्रीगंगानगर रेफर किया गया। कई को सामुदायिक हॉस्पिटल गोलूवाला में भर्ती कराया गया। हरमीत ने रिपोर्ट में बताया कि अपराधियों ने संगत के साथ लूटपाट भी की। उन्होंने 2 तोला सोना और निर्मल सिंह, संतोख सिंह और सिमरन कौर के मोबाइल छीन लिए। नकदी लूट ली। कुछ लोगों को (गुरकीरत सिंह, सतविन्द्र सिंह और गुरतेज सिंह) बंधक बनाया गया, जिनका अभी तक कोई पता नहीं है। आरोपियों ने प्रबंधक के कमरे की खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। मेरे साथ धक्का-मुक्की करते हुए मारपीट करने का प्रयास किया। पुलिस ने 17 लोगों के खिलाफ दर्ज किया केस
वहीं पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में 17 नामजद और अन्य के खिलाफ जानलेवा हमले व राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। ASI विजय सिंह ने रिपोर्ट में बताया कि विवाद की आशंका के चलते गोलूवाला में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया था। 3 अक्टूबर को गश्त के दौरान 50 से ज्यादा लोगों की हथियारबंद भीड़ गुरुद्वारे पहुंची। लोग दीवार फांदकर अंदर घुसे और गेट खोलने का प्रयास किया। इस दौरान वीडियो बनाते हुए एक पुलिसकर्मी का मोबाइल भी छीन लिया गया। 19 सितंबर को भी हुआ था विवाद
दोनों पक्षों में विवाद को सुलझाने के लिए प्रशासन और पुलिस की ओर से पहले भी कई बार बैठकें की गई हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। कलेक्टर और एसपी को भी ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। इस बीच, 19 सितंबर को गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी को लेकर मुख्य प्रबंधक बीबी हरमीत कौर के विरोधी पक्ष के लोग गोलूवाला थाने में प्रशासन से वार्ता करने पहुंचे थे। लेकिन बात नहीं बनने पर दोपहर करीब 2:50 बजे सभी गुरुद्वारा के मुख्य गेट पर पहुंच गए। उस समय बीबी हरमीत कौर भी अपने समर्थकों के साथ वहीं मौजूद थीं। दोनों पक्षों के आमने-सामने आने से माहौल तनावपूर्ण हो गया। विरोधी पक्ष नई कमेटी को गुरुद्वारा की जिम्मेदारी सौंपने की मांग कर रहा था, जबकि हरमीत कौर के समर्थक गेट पर इस तरह आने का विरोध कर रहे थे। प्रशासन ने बीच-बचाव कर दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया। शाम करीब 6 बजे तक समझाइश के बाद लोगों को वहां से हटाया गया। इसके बावजूद हालात तनावपूर्ण बने रहे। स्थिति को देखते हुए पूरे कस्बे में धारा 163 लागू कर इंटरनेट बंद कर दिया गया। वहीं, गुरुद्वारे की तरफ जाने वाली गलियों को भी सील कर दिया गया। अगले दिन 20 सितंबर को बाजार बंद रहे। बयानबाजी के बाद टिम्मा को किया था पाबंद
19 सितंबर को सिख धर्म प्रचार कमेटी राजस्थान के चेयरमैन तजिंदरपाल सिंह टिम्मा ने आरोप लगाया था कि अकाल तख्त साहिब से निष्कासित और भाजपा से जुड़े सियासी लोग गुरुद्वारा पर हमले की नीयत से घेराव कर रहे हैं। यह कदम धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की गहरी साजिश है। आरोप लगाया था कि ऐसे लोग समाज में नफरत के बीज बो रहे हैं। प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि वह चंद वोटों के लिए अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना बंद करे। शांतिभंग की आशंका को देखते हुए टिम्मा को गोलूवाला पहुंचने से पहले ही प्रशासन ने श्रीगंगानगर में रोक लिया। उन्हें कोतवाली थाने ले जाया गया, जहां उन्होंने पूरी रात बिताई। 20 सितंबर को सुबह उन्हें एसडीएम रीना की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें BNS की धारा 170 के तहत पाबंद कर दिया।

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