लेह- सुरक्षा घेरे में दो मृतकों का अंतिम संस्कार:मीडिया पर रोक; 6 साल से सुलग रहे थे युवाओं के नौकरी समेत कई मुद्दे
लेह में रविवार को कर्फ्यू का पांचवां दिन। पहले लगा कि कर्फ्यू में ढील होगी तो लोग खुलकर बात कह पाएंगे, पर गिनती के ही लोग बाहर निकले हैं। हर तरफ सन्नाटा। सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बावजूद शांति बनी हुई है। 24 सितंबर की हिंसा में 3 युवा और 46 वर्षीय एक पूर्व सैनिक सेवांग थार्चिंग मारे गए। थार्चिंग करगिल युद्ध लड़ चुके थे। 1996 से 2017 तक सैनिक और लद्दाख स्काउट्स के हवलदार के रूप में सैन्य सेवा दे चुके थे। इन चार में से दो जिग्मेट दोरजय और स्टांजिन नामज्ञाल का अंतिम संस्कार रविवार को हुआ। लोकल और राष्ट्रीय मीडिया भी इसमें शामिल होना चाहता था, लेकिन जिग्मेट के घर से 200 मी. पहले ही पुलिस ने रोककर कहा- इजाजत नहीं है। मीडियाकर्मियों को घोड़ा चौक पर रोका गया। यहां तक पहुंचने के लिए हम जहां से गुजरे, वहां रास्ते में मिले लोगों से एक ही सवाल पूछा- क्या वांगचुक ही लद्दाख का सबसे बड़ा मुद्दा हैं या कुछ और भी हैं, जो सुलग तो वर्षों से रहे थे, फटे अब हैं? भास्कर के सवाल पर लोकल लोगों के जवाब करीब 4 हजार की जनसंख्या वाले ये चरवाहे अपनी 30 से 40 हजार बकरियों को उस मैदान में साल के 8 महीने चराते हैं, आखिर वो कहां जाएंगे। सबसे बड़ी बात कि मैदान को बेचे जाने की जानकारी न मुझे दी गयी, न चरवाहों से बात की गयी। इसके खिलाफ कई बार आंदोलन हुआ, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं है। चार लोगों को पुलिस हिरासत में लद्दाख बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद शफी लासू ने बताया कि कांग्रेस पार्षद समनला दोरजे नुर्बो और फुत्सोग स्टैंजिन त्सेपक, लद्दाख बौद्ध संघ के उपाध्यक्ष साविन रिगजिन और गांव के नंबरदार रिगजिन दोरजे को पुलिस हिरासत में भेजा गया है। बाकी अन्य आरोपियों, जिनमें लेह एपेक्स बॉडी और लद्दाख बौद्ध संघ के युवा नेता और छात्र शामिल हैं, को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। लद्दाख के लोग इतने गुस्से में क्यों हैं? ———————- ये खबर भी पढ़ें… लद्दाख DGP बोले- वांगचुक का पाकिस्तानी कनेक्शन: जासूस से संपर्क का दावा सोनम वांगचुक पर NSA लगाने के बाद पुलिस अब उनके पाकिस्तान और बांग्लादेश से संबंधों की जांच करेगी। लद्दाख के DGP एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को कहा कि हमने कुछ दिन पहले पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (PIO) के एक सदस्य को पकड़ा था। वह वांगचुक से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था। पूरी खबर पढ़ें…
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