खट्‌टर का गन्नौर MLA पर खुलासा:बोले- टिकट कटने पर कादियान ने धन्यवाद किया, लगा था उल्टा बोलेगा; रोकर भाजपा छोड़ी थी

हरियाणा के पूर्व सीएम एवं केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने विधानसभा चुनाव के 11 महीने बाद गन्नौर हलके से टिकट का राज खोला। खट्टर बोले- जिन दिन टिकटों का निर्णय हो रहे थे, किसकी क्या राय थी, यह तो अंदर की बात तो बताना ठीक नहीं, लेकिन देवेंद्र कादियान को भाजपा का टिकट नहीं दे पाए। इनका मुझे फोन आया। मुझे लगा-उल्टा-सीधा बोलेगा, लेकिन इन्होंने कहा-धन्यवाद। मैंने कहा टिकट तो तुझे मिली तो नहीं धन्यवाद किस बात का। इस पर कादियान ने कहा- नहीं इसमें न आपका कसूर है, न मेरा कसूर है या न किसी और का कसूर है। ये तो किस्मत का ताना-बाना ही ऐसा है। शायद किस्मत में ही लिखा है कि मैं भाजपा की बजाय निर्दलीय खड़ा होकर लड़ जाऊं, लेकिन विश्वास दिलाता हूं कि जनता का प्यार अगर मिल गया तो मैं भाजपा से दूर नहीं जाऊंगा। दरअसल, कादियान को खट्टर का करीबी माना जाता था, ऐसे में उम्मीद थी कि भाजपा का टिकट दिलाएंगे। खट्टर शनिवार (27 सितंबर) को गन्नौर के निर्दलीय विधायक देवेंद्र कादियान की ओर से आयोजित सातवें युवा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि थे। विधायक की ओर से युवाओं को स्कूटी व साइकिलें वितरित की गईं। ये कहकर पार्टी छोड़ी थी-मेरे से काम करवाया, मजदूरी नहीं दी
अक्टूबर 2024 में भाजपा की लिस्ट में नाम न आने पर देवेंद्र कादियान फेसबुक पर लाइव हुए थे। उन्होंने कहा था-पार्टी ने मेरे से काम करवाया, लेकिन मजदूरी नहीं दी। ये गलत बात है। मेरे बीमार पिता अस्पताल में हाथ में टीवी का रिमोट लेकर लेटे रहे कि बेटे की टिकट एनाउंस होगी। बच्चे होस्टल से फोन करके पूछ रहे हैं कि पापा आपको टिकट मिली। मैं साल 2019 से तैयारी कर रहा था। इसलिए कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आया था। आज पार्टी छोड़ रहा हूं। यह कहते हुए कादियान रोने लगे थे। मंचों पर रोए, उससे सहानुभूति मिली और निर्दलीय जीते
कादियान ने निर्दलीय पर्चा भरा। वह कई मंचों पर फूट-फूटकर रोए। बोले-मेरे साथ धोखा हुआ है। इससे सहानुभूति लहर उनके पक्ष में बनती रही और आखिर में करीब 35 वोट से चुनाव जीत गए थे। कादियान को जहां 77 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, वहीं भाजपा प्रत्याशी को सिर्फ 17,605 वोट मिले थे। नतीजों के बाद सबसे पहले कादियान ने भाजपा को समर्थन दिया
अक्टूबर में भाजपा को हालांकि अपने बूते 48 सीटें मिलने से पूर्ण बहुमत मिल गया था। नतीजे आने के बाद सबसे पहले गन्नौर से निर्दलीय जीते देवेंद्र कादियान ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की थी। इस हलके में भाजपा के आधिकारिक प्रत्याशी देवेंद्र कौशिक तीसरे स्थान पर रहे थे। कार्यक्रम में खट्‌टर ने क्या-क्या कहा जानिए खट्टर ने माना-इसी वजह से यह कार्यक्रम भी देर से हुआ
खट्टर ने इस बात को स्वीकार किया कि टिकट न मिलने के कारण उस वक्त उत्पन्न हुए ‘ताजा घटनाक्रम’ की वजह से ही सम्मान समारोह के आयोजन में देरी हुई थी। यह असल में सातवां नहीं बल्कि छठा व सातवां संयुक्त कार्यक्रम है। देवेंद्र कादियान ने उन्हें एक साल पहले से बुलाना शुरू कर दिया था कि छठा सम्मान समारोह कर लिया जाए। विधानसभा चुनाव के बाद एक ऐसा ‘मोड़’ आ गया था, जिसमें देवेंद्र सीधे चलने की बजाय एक मोड़ पर चले गए थे। उस वक्त ताजा-ताजा घटनाक्रम था। अगर मैं तुरंत छठे सम्मान समारोह में चला आता तो इसके संदेश पता नहीं कौन क्या लेकर जाता। देवेंद्र कादियान ने संकल्प लिया हुआ था कि आपके (खट्टर) आने के बाद ही कार्यक्रम किया जाएगा, अन्यथा कार्यक्रम नहीं होगा। ​कादियान निर्दलीय जीते या भाजपा से, कोई अंतर नहीं ​
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मुझे कोई अंतर नहीं लगता है कि देवेंद्र निर्दलीय या भारतीय जनता पार्टी से चुने गए हैं। खट्टर ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि कभी-कभी जब देवेंद्र कादियान के दिनों को याद करता हूं तो मैं भी अपनी यौवन अवस्था में चला जाता हूं। देवेंद्र ने अपने जीवन की शुरुआत सब्जी बेचकर की है और साल 1968 में उन्होंने (मनोहर लाल) भी सब्जी बेचकर शुरुआत की थी।

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