इंदौर में शूर्पणखा दहन पर हाईकोर्ट की रोक:सोनम समेत 11 महिलाओं के पुतले जलाने की तैयारी थी; सोनम की मां ने लगाई थी याचिका
इंदौर में विजयादशमी के मौके पर होने वाले शूर्पणखा के पुतला दहन पर एमपी हाईकोर्ट ने लगा दी है। पौरुष नाम की संस्था ने शूर्पणखा के स्वरूप में सोनम रघुवंशी समेत ऐसी महिलाओं के पुतले जलाने की तैयारी की थी जो पति, बच्चे और परिवार की हत्या या हत्या की साजिश की आरोपी हैं। संस्था ने 11 चेहरों वाला पुतला भी बनवाया था। इनमें एक चेहरा राजा रघुवंशी हत्याकांड की आरोपी सोनम रघुवंशी का भी है। इस पर सोनम के परिवार, खासतौर पर उसके भाई गोविंद और रघुवंशी समाज ने भी आपत्ति जताई थी। गोविंद ने इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा से बुधवार को शिकायत करते हुए आयोजन रोकने की मांग की थी। वहीं, संस्था का कहना है कि यह किसी महिला का अपमान नहीं है। दूसरी तरफ रघुवंशी समाज ने सार्वजनिक मंचों पर बुराई को दर्शाने के लिए ‘रघुवंशी’ नाम के प्रयोग पर एतराज किया है। भाई की दलील- सोनम पर अभी केस चल रहा
सोनम के भाई गोविंद रघुवंशी का कहना है कि सोनम पर मुकदमा कोर्ट में चल रहा है। उसे दोषी नहीं ठहराया गया है। ऐसे में उसका चेहरा सार्वजनिक रूप से पुतले में लगाना गलत है। यह मानसिक उत्पीड़न जैसा है। गोविंद ने यह भी कहा कि यह आयोजन कानून के खिलाफ है। इससे सोनम की छवि को बिना वजह खराब किया जा रहा है। राजा रघुवंशी की हत्या के बाद शुरू में गोविंद ने राजा के परिवार से सहानुभूति जताई थी। यहां तक कि राजा की मां से मिलकर रोते हुए माफी भी मांगी थी। कहा था कि वह अपनी बहन को सजा दिलवाने में मदद करेगा। हालांकि, अब गोविंद का रुख बदल गया है। अब वह शिलॉन्ग कोर्ट में सोनम की जमानत की कोशिश कर रहा है। समाज बोला- व्यक्ति विशेष का नाम-चेहरा जोड़ना निंदनीय
इस आयोजन के खिलाफ रघुवंशी समाज के कुछ लोग भी हैं। समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उमाशंकर रघुवंशी ने कहा कि पुतले पर जिस तरह शूर्पणखा के चेहरे के रूप में ‘सोनम रघुवंशी’ नाम और चित्र दर्शाया गया है, वह अनुचित और समाज की छवि को भी धूमिल करने वाला है। सार्वजनिक मंचों पर बुराई को दर्शाने के लिए ‘रघुवंशी’ नाम का प्रयोग करना समाज की गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है। ऐसा आयोजन सामाजिक सौहार्द्र के लिए घातक
समाज के लोगों ने आयोजकों पर सवाल उठाते हुए कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में किसी भी जाति या समुदाय विशेष को लक्षित करना सामाजिक सौहार्द्र के लिए घातक हो सकता है। प्रशासन इस पर तत्काल कार्रवाई करे। अगर मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो आगे व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस खबर पर आप अपनी राय दे सकते हैं… आयोजक बोले- अनैतिकता, धोखे के खिलाफ आवाज
शूर्पणखा के पुतला दहन का आयोजन इंदौर की सामाजिक संस्था ‘पौरुष’ कर रही है। संस्था के अध्यक्ष अशोक दशोरा ने सोनम के परिवार के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा- ‘हम किसी महिला का अपमान नहीं, बल्कि समाज में बढ़ रहे दुराचार, व्यभिचार, धोखा, संस्कारहीनता और अनैतिकता के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। मानहानि जैसे मामले एफआईआर से बाहर
संस्था का कहना है कि अगर कुछ लोग आरोपी महिला के पक्ष में खड़े हो रहे हैं, तो उन्हें उन मांओं और बहनों के दर्द के बारे में भी सोचना चाहिए, जिनके बेटों को धोखा देकर मारा गया या आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। आज जरूरत है कि समाज में ऐसी मानसिकता के खिलाफ आवाज उठाई जाए, जो अपने फायदे के लिए किसी की जिंदगी बर्बाद कर देती है। यह आयोजन व्यक्तिगत विरोध नहीं, बल्कि एक सोच के खिलाफ है। संविधान हमें ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ का अधिकार देता है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मानहानि और अवमानना जैसे मामलों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। इसका मतलब यह है कि ऐसे मामलों में अब कोई एफआईआर नहीं हो सकती, यह केवल सिविल मामला माना जाएगा। इसलिए पुलिस या प्रशासन इस आयोजन को रोक नहीं सकते। राजा रघुवंशी के परिवार का समर्थन
आयोजक संस्था ‘पौरुष’ के पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि राजा रघुवंशी का पूरा परिवार इस आयोजन का समर्थन कर रहा है। विपिन ने दैनिक भास्कर को भी बताया कि वे इस आयोजन के साथ हैं और खुद भी इसमें होंगे। शास्त्रों में रावण-शूर्पणखा के पुतले जलाने का जिक्र है?
मध्य प्रदेश ज्योतिष एवं विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा ‘वेदिक’ ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों (शास्त्रों) में रावण या शूर्पणखा के पुतले जलाने का कोई सीधा उल्लेख नहीं है। लेकिन समाजिक बुराई के प्रतीक के रूप में इनका दहन परंपरा बन गया है। उन्होंने कहा- जिस तरह रावण अहंकार और अत्याचार का प्रतीक है, उसी तरह आज के समय में कुछ लोग ऐसे हैं जो स्वार्थ और अनैतिक रिश्तों के कारण दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे लोगों के चरित्र का विरोध करना समाज को जागरूक करना है। ये खबर भी पढ़ें…
दशहरा पर शूर्पणखा का पुतला जलेगा, चर्चित हत्याकांड की आरोपियों के होंगे चेहरे इंदौर में इस बार दशहरा पर शूर्पणखा और उसकी सेना के पुतले जलाएं जाएंगे। शूर्पणखा के पुतले पर इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हनीमून पर हत्या करने वाली उसकी पत्नी सोनम का चेहरा लगाया जाएगा, जबकि पतियों की हत्या करने वाली अन्य महिलाओं के चेहरे शूर्पणखा की सेना के पुतलों पर लगाए जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर…
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