निमोनिया फेफड़ों से संबंधित एक गंभीर बीमारी है, जो फेफड़ों में इफेक्शन के कारण होता है। इस बीमारी के चलते तेज बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है। हालांकि, इस बीमारी के कुछ साइलेंट संकेत होते हैं, जिन पर लोग ध्यान नहीं देते हैं। अधिकत्तर निमोनिया की समस्या शिशुओं में देखी जाती है। हालांकि, यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। निमोनिया एक गंभीर फेफड़ों का संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फफूंद के कारण होता है। इसके प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, सीने में दर्द, ठंड लगना और थकान शामिल हैं। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग, बच्चे और बुजुर्ग इस रोग से अधिक प्रभावित होते हैं। निमोनिया का इलाज एंटीबायोटिक या एंटीवायरल दवाओं से किया जाता है। समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। आइए आपको इस साल की थीम, महत्व और इतिहास के बारे में बताते हैं।
विश्व निमोनिया दिवस 2025 की थीम
इस बार विश्व निमोनिया दिवस की थीम ‘चाइल्ड सर्वाइवल’ रखी गई है। इस थीम का उद्देश्य बच्चों को निमोनिया से बचाने की जरुरत पर फोकस करना है, जो बच्चों में मौत का एक बड़ा कारण है। यह थीम बच्चों को अच्छा पोषण, साफ हवा, वैक्सीनेशन और एंटीबायोटिक्स और ऑक्सीजन जैसे उपचारों तक जल्द से जल्द पहुंचने के महत्व पर जोर दिया गया है। इस थीम का उद्देश्य बच्चों की रक्षा और उनके जीवन को सुरक्षित रखना है।
विश्व निमोनिया दिवस का इतिहास
विश्व निमोनिया दिवस की शुरुआत 12 नवंबर 2009 को की गई थी। इसकी पहल बाल निमोनिया के खिलाफ वैश्विक गठबंधन (Global Coalition Against Child Pneumonia) ने की थी, जिसमें 100 से अधिक संगठन जुड़े थे। इस दिन को हर साल 12 नवंबर को मनाने का उद्देश्य निमोनिया की रोकथाम, उपचार और इससे होने वाली मौतों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना है। इसका मुख्य लक्ष्य लोगों में निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता फैलाना है, क्योंकि यह बच्चों की मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है।
विश्व निमोनिया दिवस का महत्व
जागरुकता फैलाना
इस दिन को लोगों में निमोनिया के बारे में सही सूचना और जानकारी पहुंचाने पर जोर दिया जाता है। यह फेफड़ों का एक गंभीर इंफेक्शन है और दुनियाभर के बच्चों की मौत का अहम कारणों में से एक है।
रोकथाम इलाज पर जोर
निमोनिया का रोकथाम, जैसे वैक्सीनेशन और उपचार के तरीकों के महत्व पर जोर देता है, जो इस बीमारी से बचाव करने में काफी प्रभावी है।
सरकार की नीति को बढ़ावा
सरकारों और हेल्थ संगठनों को नियमोनिया की रोकथाम और इलाज को ग्लोबल लेवल तक बढ़ाने पर जोर देना।
बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखना
कमजोर लोगों, जैसे कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों को निमोनिया के जोखिम से बचने की कोशिश पर फोकस करना।
समय पर डायग्नोस होना
यह दिन निमोनिया के जल्द निदान के महत्व पर जोर दिया है, जो कि बीमारी बढ़ने से रोक सकता है और मौत के जोखिम को कम कर सकता है।
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