आज के समय में इंटरमिटेंट फास्टिंग का चलन काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है। इस इटिंग पैटर्न को सेलेब्स भी आजमाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। वहीं अगर आप IF के बारे में नहीं जानते हैं, तो बता दें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग सिर्फ एक स्पेसिफिक टाइम के दौरान ही अपना मील लेते हैं। शोध से पता चलता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग करके आप वजन कंट्रोल कर सकते हैं और कुछ बीमारियों से भी बचाव और रिवर्स कर सकते हैं। लेकिन अगर आप ईटिंग प्लान को फॉलो कर रहे हैं, तो आपको कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए।
ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान करने से बचने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इससे आपको फायदे की जगह नुकसान पहुंच सकता है।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग
ऐसी कई डाइट हैं जो इस पर ध्यान केंद्रित करती हैं कि आपको क्या खाना चाहिए। वहीं इंटरमिटेंट फास्टिंग पूरी तरह से आपके खाने के समय पर केंद्रित होती है। इस ईटिंग पैटर्न में आप एक निर्धारित समय पर खाते हैं। इस समय के आखिरी में आप बहुत कम कैलोरी या नो कैलोरी पर स्विच कर देते हैं। ज्यादातर लोग अपना वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग आजमाना पसंद करते हैं। वहीं इसकी यह खासियत है कि आप अपनी सुविधानुसार फास्टिंग के समय को चुन सकते हैं। वहीं आपका उपवास कुछ घंटों या फिर पूरे दिन चल सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान न करें ये 3 गलतियां
एक्सपर्ट के अनुसार, आप अपने इंटरमिटेंट फास्टिंग के साथ संभवतः ये 3 गलतियां कर रहे हैं, जोकि आपके पाचन और गट हेल्थ को प्रभावित कर रही है। वहीं शायद यह गलतियां दिल को भी खतरे में डाल रही हैं।
रात में खूब भोजन करना
बहुत सारे लोग यह गलती करते हैं कि रात को 9 बजे, 10 बजे या फिर 11 बजे 7 या 9 कोर्स मील लेते हैं। इसके बाद फिर सोने के लिए चले जाते हैं। लेकिन जब आप बिना पचे भोजन का ढेर लेकर सोने के लिए चले जाते हैं, तो यह फर्मेंट होना, गैस छोड़ना या सड़ना शुरूकर देता है। जिस कारण वेट गेन और यहां तक कि एब्डोमिनल डिस्टेंशन हो सकता है। इसलिए ऐसा करने से आपको बचना चाहिए। वहीं यह भी सुनिश्चित करें कि आप सोने से करीब 3 घंटे पहले डिनर खत्म कर लें।
लंच न करें स्किप
तमाम लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय ब्रेकफास्ट और लंच को स्किप कर देते हैं और सीधे रात का खाना खाते हैं। लोगों का सोचना है कि वह अपने शरीर के साथ अच्छा कर रहे हैं। लेकिन आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। दोपहर का खाना सबसे अहम मील होता है। जब दोपहर में 12 से 2 के बीच सूर्य चरम पर होता है, तब आपका पेट, पाचन रस और मेटाबॉलिज्म भी चरम पर होता है। इस समय दोपहर का खाना जरूर खाना चाहिए। वहीं सुनिश्चित करें कि आप एक अच्छा ब्रंच या फिर लंच करें। वहीं शाम को 6 बजे तक डिनर खत्म कर लें। फिर इसके बाद आप इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू कर दें।
फास्टिंग के बाद कैफीन का सेवन
हमेशा याद रखना चाहिए कि कैफीन के साथ कभी भी इंटरमिटेंट फास्टिंग कभी नहीं तोड़ना चाहिए। आप आप IF के सभी अच्छे प्रभावों को नष्ट कर देते हैं। वहीं कैफीन डिहाइड्रेटिंग और ड्राइंग होता हैं। क्योंकि यह आपके हार्ट हेल्थ को प्रभावित करता है और नर्वस सिस्टम को भी उत्तेजित करता है। जिससे चिंता बढ़ सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं इसके दीर्घकालिक कब्ज के लक्षण भी उभर सकते हैं। कैफीन की जगह आप गुड फैट का सेवन कर सकते हैं। आप काजू वाले मक्खन, ए2 गाय का घी या नारियल वाले मक्खन ले सकते हैं। जोकि ब्यूटिरिक एसिड का अच्छा सोर्स है।
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