हरियाणा कांग्रेस में कलह आई सामने… राव नरेंद्र को मिली सूबे की जिम्मेदारी तो मचा बवाल, कैसे होगा डैमेज कंट्रोल?
कांग्रेस हाईकमान ने ओबीसी नेता राव नरेंद्र सिंह को हरियाणा का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया, जिसके बाद पार्टी में आपसी कलह खुलकर सामने आ गई. आरोप लगाए जा रहे हैं कि बेदाग नेता को प्रदेश की कमान सौंपनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है और उनके नाम के ऐलान के साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया है. वहीं, पार्टी ने राव नरेंद्र के साथ-साथ लगभग 11 महीने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के लगातार गिरते ग्राफ को देखते हुए लिए गए निर्णय पर पार्टी को आत्म निरीक्षण करने की आवश्यकता है. राहुल गांधी की इच्छा थी कि हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष एक ऐसे व्यक्ति को बनाया जाए जिसकी छवि पूरी तरह साफ-सुथरी, बेदाग और युवा नेतृत्व की पहचान रखने वाली हो, लेकिन निर्णय इसके ठीक उलट दिखाई देता है. इस वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं और कैडर का मनोबल बिल्कुल गिर गया है.’
राहुल गांधी के माने जाते हैं करीबी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हरियाणा विधानसभा चुनाव हारने के लगभग एक साल बाद राव नरेंद्र को नियुक्त किया, जिनके पास दशकों का राजनीतिक अनुभव है, जिसमें हुड्डा कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री और तीन बार विधायक के रूप में कार्य करना शामिल है. राव रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम को कवर करने वाले दक्षिणी हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र के एक ओबीसी नेता हैं.
सूत्रों का कहना है कि राव नरेंद्र वे नेता हैं जो हरियाणा में राहुल गांधी के करीबियों में गिने जाते हैं. राहुल गांधी की निकटता की वजह से ही आलाकमान का उन्हें सपोर्ट मिला हुआ है. कांग्रेस में शामिल होने से पहले राव हरियाणा जनहित कांग्रेस में थे. उनके पिता राव बंसी सिंह, तीन बार विधायक रहे और एक बार पंचायत मंत्री भी रहे हैं. राव को हरियाणा कांग्रेस की कमान उदयभान की जगह दी गई है. उनकी नियुक्ति अनुसूचित जाति के नेताओं की ओर से हरियाणा कांग्रेस का नेतृत्व करने की परंपरा में भी बदलाव का प्रतीक है.
दक्षिणी हरियाणा में कैसा रहा है कांग्रेस का हाल
उदयभान अप्रैल 2022 में राज्य इकाई के अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे. पिछले चार अध्यक्ष, फूल चंद मुलाना, अशोक तंवर, कुमारी शैलजा और चौधरी उदयभान सभी अनुसूचित जाति समुदाय से आते थे, लेकिन इस बार पार्टी ने अपना पैटर्न बदला है और राव पर भरोसा जताया है. वह ओबीसी वोटर्स का प्रतिनिधित्व करते हैं. हालांकि जिस दक्षिणी हरियाणा में वे अपना दमखम रखते हैं वहां पिछले साल के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस को जबरदस्त पटखनी दी थी. इस इलाके में भगवा पार्टी ने 11 में से दस सीटों पर विजय हासिल की थी और 2014 के विधानसभा चुनाव में सभी 11 सीटों पर विजय पताका फहराई थी.
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/th9wlnL
Leave a Reply