सिरप कांड: 2 बच्चों की मौत, एक की किडनी खराब… अब कब्र से निकाली पर्ची; खुली डॉक्टर की पोल
मध्य प्रदेश में जहरीली कफ सिरप पीने से अब तक कई बच्चों की मौत हो गई है. अलग-अलग जिलों से बच्चों की मौत की जानकारी सामने आ चुकी है. बैतुल जिले में भी दो बच्चों की मौत हो गई. आमला ब्लॉक के गर्मित उर्फ निहाल धुर्वे और कबीर यादव की मौत हो गई. दोनों की मौत के बाद अब स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. इसी बीच टीकाबर्री गांव में भी करीब साढ़े तीन साल के बच्चे हर्ष की हालात गंभीर है.
बताा जा रहा है कि हर्ष का एक महीने पहले छिंदवाड़ा के परासिया के एक डॉक्टर प्रवीण सोनी से ही इलाज कराया था, जिसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई थी. फिर परिजन उसे नागपुर के एक प्राइवेट अस्पताल ले गए थे, जहां एक अक्टूबर से उसका इलाज चल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक निहाल धुर्वे और कबीर यादव का इलाज भी प्रवीण सोनी ने ही किया था और दोनों को कप सिरप लिखी थी.
बच्चे की कब्र से निकला पर्चा
अब स्वास्थ्य विभाग ने एक डोर-टू-डोर सर्वे शुरू किया है ताकि और ऐसे बच्चों की पहचान की जा सके, जिन्हें कोल्ड्रिफ सिरप दी गई हो. जांच टीम ने दोनों मृतक बच्चों के परिजनों के बयान दर्ज किए हैं. गर्मित उर्फ निहाल धुर्वे के परिजन ने बच्चे की कब्र के साथ दफन किया गया पर्चा निकालकर स्वास्थ्य विभाग की टीम को दिया है, जिसमें डॉक्टर प्रवीण सोनी ने वही सिरप लिखा था.
निहाल की मौत के बाद उसके परिजन ने आदिवासी परंपरा के मुताबिक उसकी दवाई, पर्ची और खिलौने समेत बाकी सभी सामान उसके साथ दफना दिया था. सोमवार को निहाल के पिता कब्र की सफाई कर रहे थे. उसी दौरान बच्चे के पिता को डॉक्टर का पर्चा मिला, जिसमें कोल्ड्रिफ सिरप लिखा था. उन्होंने पर्चा SDM शैलेंद्र बडोनिया और CMO डॉक्टर मनोज हुरमाड़े को दिया.
हर्ष की भी दोनों किडनी खराब
इसके साथ ही जब मामले की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि निहाल की बहन का इलाज भी डॉक्टर प्रवीण सोनी ने किया था, लेकिन बहन को कप सिरप नहीं दी गई थी. इसलिए उसकी जान बच गई. अब आसपास के गांव में डोर टू डोर सर्वे शुरू किया गया है, जिससे की बच्चों की पहचान की जा सके. आमला ब्लॉक के टीकाबर्री गांव के हर्ष का इलाज अब नागपुर के न्यू हेल्थ हॉस्पिटल में चल रहा है, जहां के डॉक्टरों ने बताया कि हर्ष की भी दोनों किडनी खराब हो गई हैं. इसी के चलते अब उसका इलाज जारी है. हालांकि उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.
हर्ष के चाचा ने बताया कि हर्ष को सर्दी, खांसी और बुखार होने पर डॉक्टर सोनी को दिखाया था, लेकिन तीन दिन तक भी हालत में सुधार न होने पर जब हर्ष को दोबारा डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने किसी और डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी. फिर हम उसे डॉ. अमित ठाकुर के पास ले गए, लेकिन फिर भी सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद हर्ष को नागपुर ले गए.
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