लेबनान-सीरिया के बाद अब इस मुस्लिम देश को तबाह करेगा इजराइल, नेतन्याहू ने अमेरिका से दिया सिग्नल
इजराइल ने पिछले दो सालों के गाजा युद्ध के दौरान फिलिस्तीन के अलावा 6 और देशों पर हमले किए हैं. जहां उसने गाजा को मलबे का ढेर बना दिया, वहीं लेबनान और सीरिया में उसकी भीषण बमबारी से दर्जनों इमारतें जमींदोज हो गई हैं. अब उसके निशाने पर एक और मुस्लिम देश आ गया है और इसके संकेत 26 सितंबर को UN में दी गई नेतन्याहू की स्पीच से मिले हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में 26 सितंबर को नेतन्याहू के भाषण में इराक का नाम उन देशों में साफ तौर पर शामिल किया गया जहां रेसिस्टेंस ग्रुप को इजराइली परिणामों का सामना करना पड़ेगा. यानी इजराइली सेना इराक पर भी हमले की तैयारी कर रहा है.
पश्चिम एशिया पहले ही बढ़ती अस्थिरता से जूझ रहा है और इराक एक बार फिर क्षेत्रीय अशांति के केंद्र में आ गया है. संयुक्त राष्ट्र के मंच से इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इराक के रेसिस्टेंस संगठनों को सीधे धमकियां दीं, जिससे इजराइल का मकसद और संदेश पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं.
नेतन्याहू के भाषण के जवाब में इराकी विदेश मंत्री फुआद हुसैन ने इन धमकियों की निंदा करते हुए इन्हें अस्वीकार्य बताया और कहा कि किसी भी इराकी नागरिक पर हमले को पूरे देश पर हमला माना जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र में नेतन्याहू ने क्या धमकी दी
नेतन्याहू ने 26 सितंबर को UNGA में अपना भाषण दिया. उनके भाषण के दौरान पूरा हॉल खाली हो गया और इजराइल के ही मेंबर वहां बचे रहे और तालियां बजाते रहे हैं. इस दौरान उन्होंने एक मैप निकाला और इसमें उन देशों का नाम लिया, जहां रेसिस्टेंस ग्रुप मौजूद हैं.
इन देशों में लेबनान, सीरिया, यमन के साथ-साथ इराक को भी शामिल किया गया. इराक अमेरिका के इंवेजन के बाद कई सालों तक जंग से जूझता रहा है, ऐसे में एक बार फिर इस धमकी ने पूरे इराक में हलचल पैदा कर दी है.
इराक में कई लड़ाकू ग्रुप हैं, दावा किया जाता है कि इनमें से कई ग्रुप ईरान के एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस का हिस्सा हैं. इजराइल इन्हें अपने लिए खतरा मान रहा है और इन्हीं का सहारा लेकर वह एक और देश को तबाह करने की फिराक में है.
भारी पड़ेगा इराक के खिलाफ कोई भी हमला
अल मायादीन इराक न्यूज आउटलेट से बात करते हुए इराकी राजनेता अबू मिताक अल-मसर ने नेतन्याहू की धमकियों को बेतुका और कमजोरी से उपजा बताया. साथ ही कहा कि नेतन्याहू गाजा में कहा कि निर्णायक जीत हासिल करने या बंदियों की रिहाई नाकाम रहे हैं. अपनी इसी नाकामयाबी को छिपाने के लिए वह ऐसे बयान दे रेह हैं.
वहीं एक और नेता अल-मसर ने कहा कि इराक के खिलाफ कोई भी आक्रमण, कब्जे (इजराइल) को और भी महंगे दलदल में धकेल देगा.
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