लाइफ इंश्योरेंस पर GST हटने से LIC हुआ मालामाल, मिला 1100 करोड़ रुपये का बूस्ट

लाइफ इंश्योरेंस पर GST हटने से LIC हुआ मालामाल, मिला 1100 करोड़ रुपये का बूस्ट

जीएसटी की नई दरें लागू होने का फायदा जीवन बीमा कंपनी एलआईसी को मिला है. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर से टैक्स जीरो करने के बाद पहले ही दिन कंपनी को 1,100 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश मिला. जो कि पिछले महीने से करीब दोगुना है. इस साल अगस्त में रिटेल पॉलिसीधारकों से 5,000 करोड़ रुपये का मासिक प्रीमियम आया था. ज्यादातर बिक्री नियमित एंडोमेंट प्रोडक्ट्स से हुई, कोई नया प्रोडक्ट लॉन्च नहीं हुआ.

एलआईसी के अधिकारियों ने बताया कि सितंबर की शुरुआती बिक्री पिछले साल की तुलना में कम थी, क्योंकि एजेंट और ग्राहक 22 सितंबर से लागू होने वाले टैक्स बदलाव का इंतजार कर रहे थे. टैक्स हटने के बाद दबी हुई डिमांड सामने आई. हालांकि, पूरे बीमा उद्योग का ट्रेंड कुछ महीनों बाद ही साफ होगा. जीएसटी परिषद ने सभी व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को जीरो टैक्स कैटेगरी में डाल दिया है, जो 22 सितंबर, 2025 से लागू हो गया. यह छूट एक नई दो-दर वाली संरचना के तहत मिलेगी. इसमें टर्म, यूनिट-लिंक्ड, और पारंपरिक जीवन बीमा के साथ-साथ फैमिली फ्लोटर और सीनियर सिटीजन हेल्थ कवर जैसी योजनाएं शामिल हैं.

कंपनियों को फायदा

पिछले कुछ महीनों में बीमा कंपनियों का प्रीमियम बढ़ा है. टैक्स छूट की वजह से बीमा कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि कम कीमतें कुछ ग्राहकों को अपनी सालाना प्रीमियम राशि बढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगी. लेकिन टर्म प्लान में ऐसा होने की संभावना कम है, क्योंकि वहां कवरेज आय और सुरक्षा जरूरतों पर ज्यादा निर्भर करता है.

अप्रैल-अगस्त के दौरान नए बिजनेस प्रीमियम में पिछले साल की तुलना में 6.2% की बढ़ोतरी हुई. इसका कारण प्रीमियम की राशि बढ़ना था, भले ही पॉलिसियों की संख्या में बढ़ोतरी धीमी रही. जीवन बीमा परिषद के मुताबिक, प्राइवेट बीमा कंपनियों में 10% की बढ़ोतरी हुई, जबकि एलआईसी में 3% की. कुल मिलाकर, अप्रैल-अगस्त 2025 में नया बिजनेस प्रीमियम बढ़कर 1,63,461 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल 1,54,193 करोड़ रुपये था. लेकिन पॉलिसियों की संख्या में 8.9% की कमी आई.

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