लंदन से MBA, 18 सालों से नोएडा अथॉरिटी में तैनात… कौन थे BJP नेता के बेटे आशीष भाटी, जिनकी डेंगू से हुई मौत
नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा अथॉरिटी) के उप-महाप्रबंधक आशीष भाटी का मंगलवार की सुबह राजधानी दिल्ली स्थित एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 48 वर्ष के थे. अधिकारियों के अनुसार, आशीष भाटी डेंगू से पीड़ित थे और संभवतः इसी वजह से उनकी मृत्यु हुई है.
आशीष भाटी के पिता और प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता हरिश्चंद्र भाटी ने इस दुखद समाचार की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि आशीष भाटी को डेंगू होने के बाद उपचार के लिए दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. हरिश्चंद्र भाटी ने जानकारी दी कि मंगलवार सुबह उपचार के दौरान उनके बेटे की मौत हो गई.
अधिकारी का अंतिम संस्कार ग्रेटर नोएडा के भाटी कृषि फार्म पर किया गया. इस दौरान, कई बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. अंतिम संस्कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर, समेत भारतीय जनता पार्टी के कई अन्य नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए. आशीष भाटी के निधन से नोएडा प्राधिकरण और स्थानीय राजनीतिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई है.
आशीष ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सिंधिया स्कूल से पूरी की थी. बाद में नोएडा के एमिटी स्कूल से पढ़ाई की. उन्होंने लंदन से एमबीए की डिग्री हासिल की. वो पिछले 18 सालों से नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत थे. नोएडा प्राधिकरण में उनके सहकर्मी उन्हें एक समर्पित अधिकारी के रूप में याद करते हैं, जिन्होंने कई विकास परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सम्मानित किया गया, जिसमें 2020 में प्राधिकरण कार्यालय के बाहर लंबित मांगों को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन को सुलझाने में मदद करना भी शामिल है.
आशीष अपने परिवार के साथ नोएडा के सेक्टर 61 में रहते थे. उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली, नोएडा और एनसीआर के अन्य जिलों में डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है. हालांकि, हर जगह बड़ी संख्या में मामले सामने आए हैं.
दिल्ली-नोएडा में डेंगू के कितने केस
दिल्ली में 6 अक्टूबर तक 840 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि नोएडा में 430 केस सामने आए हैं. वेक्टर जनित रोगों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के दिशानिर्देशों के अनुसार, डेंगू के मामले मरीज के निवास स्थान के आधार पर दर्ज किए जाते हैं. एमसीडी ‘अनट्रेस्ड’ मामलों की भी रिपोर्ट करती है, जिसका अर्थ यह हो सकता है कि मरीज ने हाल ही में यात्रा की है, या पता अधूरा या गलत है, या फिर मरीज अपने पंजीकृत पते पर नहीं मिल रहा है.
30 सितंबर को हुआ था आशीष को फीवर
हरीश चंद्र भाटी ने बताया कि उनके बेटे को 30 सितंबर को वायरल फीवर हुआ था. 3 अक्टूबर को उसकी हालत बिगड़ गई और बुखार 104°F तक पहुंच गया, जिसके बाद परिवार उन्हें नोएडा के कैलाश अस्पताल ले गया. 4 अक्टूबर को उसका रक्तचाप तेजी से गिर गया और वह बेहोश हो गए. इसके बाद डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया. उन्होंने कहा- आशीष के शरीर में डेंगू जैसे लक्षण थे. उनके प्लेटलेट्स गिरने लगे और उनके गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे थे. 5 अक्टूबर को उन्हें वेंटिलेटर और डायलिसिस पर रखा गया. सोमवार रात लगभग 11 बजे उन्हें दौरा पड़ा और मंगलवार सुबह लगभग 3 बजे उनका निधन हो गया.
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